भोपाल।। शहर में कोरोना के संक्रमण को करीब दो साल हो गया। डेढ़ लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की गिरफ्त में आ चुके हैं वहीं एक हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। विशेषज्ञों की नजर में इस संक्रमण से बचने का एक मात्र उपाय मास्क ही है। दूसरी लहर की भयावता देखने के बाद भी लोग मास्क लगाने से परहेज कर रहे हैं। मास्क से बचने के लिए लोग शक्ल खराब होने या चश्मे, लिपिस्टिक खराब होने जैसे अजब गजब बहाने बनाते हैं।
मास्क की जागरूकता के लिए विभाग द्वारा रोको-टोको अभियान चलाया गया है। विभाग की टीम बाजारों में जाकर लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करती है, लेकिन लोग मास्क ना लगाने के लिए तमाम तर्क देते हैं।
- लड़कियां नहीं देखेंगी तो क्या मतलब
बरखेड़ा में रोको-टोको अभियान किया गया। टीम के सदस्य जब एक शादी समारोह में पहुंचकर मास्क लगाने की बात कहने लगे तो वहां लड़कों ने जवाब दिया कि मास्क लगा लेंगे तो लड़कियां नहीं देखेंगी। वहीं लडकियों को मास्क से मेकअप खराब होने और मैचिंग की चिंता थी।
- मास्क नहीं लगाने वाले का कर रहे टेस्ट
अभियान की कॉ-आॅर्डिनेटर मीता बाधवा बताती हैं कि लोग मास्क से बचने के लिए तरह तरह के बहाने बनाते हैं। वहीं हम मास्क ना पहनने वालों का स्पॉट टेस्ट करते है। एक व्यक्ति का टेस्ट होता है तो वहां मौजूद अन्य लोग तुरंत मास्क लगा लेते हैं। उन्होंने बताया कि शहर में 28 लोकेशंस पर अभियान चल रहा है, हर लोकेशन पर हर रोज करीब 300 आरटीपीसीआर टेस्ट हो जाते हैं।
- पॉजीटिव कम लेकिन एक सप्ताह में 11 मौत
लोगों के मास्क ना लगाने के पीछे दिमाग में तीसरी लहर के कमजोर होने का भ्रम है। भले ही बीते दिनों में शहर में पॉजीटिविटी रेट कम हुआ हो लेकिन गंभरीता बढ़ रही है। बीते सात दिन में शहर में 11 मरीजों को दम तोड़ दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लापरवाही की तो संक्रमण और गंभीर हो सकता है।
- बहाने ऐसे ऐसे
- मास्क लगाने से चश्में पर धुंआ जम जाता है आप वाइपर ला दो तो लगा लेंगे।
- इससे मेरी लिपिस्टिक खराब हो जाती है, बार-बार मेकअप तो नहीं कर सकते।
- मै तो अभी नेगेटिव हुआ हूं, अब मुझे कोरोना नहीं होगा तो मास्क की क्या जरूरत।
- मुझे वैक्सीन की दोनों डोज लग गई, मेरे पास एंटीबॉडीज हैं तो मास्क क्यों लगाएं।
- इस बार तो कोरोना हल्का है, हो भी जाएगा तो सिर्फ फीवर ही आएगा, चिंता की बात नहीं है।
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