छत्तीसगढ़ राजगीत के रचयिता की जयंती आज, जानिए कौन थे डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से क्या है रिश्ता
डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा (Dr Narendra dev verma) के पिता का नाम धनीराम था। वे एक शिक्षक थे। उनके पांच पुत्रों में से एक मात्र नरेंद्र देव की शादी हुई। बाकी तीन सन्यासी बन गए। जबकि एक पुत्र अविवाहित रहकर पं. रविशंकर विश्वविद्यालय में प्राध्यापक है तथा स्वामी आत्मानंद जी के 'स्वप्न केन्द्र' विवेकानंद विद्यापीठ के संचालक है ।;
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा (Dr Narendra dev verma) द्वारा रचित प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत ''अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार'' को प्रदेश का राज्यगीत घोषित किया है। इस राज्यगीत को राज्य शासन द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण शासकीय कार्यक्रम और आयोजनों के शुभारंभ में बजाया जाएगा। आज इस गीत के रचनाकार डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा की जयंती है। डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा का जन्म सेवाग्राम वर्धा में 4 नवम्बर 1939 को हुआ था। अत्यंत कम उम्र में उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति और भाषा को वैश्विक पहचान दिलाई। 8 सितम्बर 1979 को उनका रायपुर में निधन हो गया।
पांच भाईयों में सिर्फ एक की शादी -
डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा के पिता का नाम धनीराम था। वे एक शिक्षक थे। उनके पांच पुत्रों में से एक मात्र नरेंद्र देव की शादी हुई। बाकी तीन सन्यासी बन गए। जबकि एक पुत्र अविवाहित रहकर पं. रविशंकर विश्वविद्यालय में प्राध्यापक है तथा स्वामी आत्मानंद जी के 'स्वप्न केन्द्र' विवेकानंद विद्यापीठ के संचालक है ।
शिक्षा -
डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा ने सागर विश्वविद्यालय से एम.ए किया। 1966 में उन्होंने प्रयोगवादी काव्य और साहित्य चिंतन शोध प्रबंध विषय पर पी.एच.डी की उपाधि मिली। इसके बाद 1973 में पंडित रविशंकर विवि से भाषा विज्ञान में एम.ए किया तथा इसी वर्ष छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्भव विकास विषय पर शोध प्रबंध के आधार पर उन्हें भाषा विज्ञान में भी पी.एच.डी की उपाधि प्रदान की गई।
प्रमुख रचनाएं -
डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा कवि, नाटककार, उपन्यासकार, कथाकार, समीक्षक एवं भाषाविद थे। इन्होंने कई रचनाएं की। छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह 'अपूर्वा' काफी लोकप्रिय रहा। इसके अलावा सुबह की तलाश (हिन्दी उपन्यास), छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्विकास, हिन्दी स्वछंदवाद प्रयोगवादी, नयी कविता सिद्धांत एवं सृजन, हिन्दी नव स्वछंदवाद आदि इनके प्रकाशित ग्रंथ हैं। 'मोला गुरू बनई लेते' छत्तीसगढ़ प्रहसन भी काफी लोकप्रिय हुआ था। इसके साथ ही उन्होंने कई पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद भी किया। जिसमें मोंगरा, श्री मां की वाणी, श्री कृष्ण की वाणी, श्री राम की वाणी, बुद्ध की वाणी, ईसा मसीह की वाणी, मोहम्मद पैंगबर की वाणी शामिल है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं उनकी बेटी के पति
डॉ. नरेंद्र देव वर्मा की बेटी मुक्तेश्वरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी हैं। 03 फरवरी 1982 को भूपेश बघेल और मुक्तेश्वरी की शादी हुई। उन्हें एक बेटा और तीन बेटियां हैं।
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