कैग रिपोर्ट : जानिए क्या रहे छत्तीसगढ़ के आंकड़े, महालेखाकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा Watch Video

आज कैग की रिपोर्ट पेश की जा रही है। वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2018 की स्थिति में कैग की रिपोर्ट पेश किया जा रहा है। महालेखाकार डीआर पाटिल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कैग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दे रहे हैं।;

Update: 2019-11-29 09:02 GMT

रायपुर। आज कैग की रिपोर्ट पेश की जा रही है। वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2018 की स्थिति में कैग की रिपोर्ट पेश किया जा रहा है। महालेखाकार डीआर पाटिल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कैग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 

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पीसी की महत्वपूर्ण बातें - 

छत्तीसगढ़ शासन का प्राथमिक घाटा वर्ष 2013 से 2018 के दौरान 1361 करोड़ और 6281 करोड़ के बीच रहा। जो इंगित करता है कि गैर ऋण प्राप्तियां राज्य के प्राथमिक व्यय को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थीं। 

7 विभागों में बकाया कर राजस्व 3545.13 करोडं था। जिसमें 1314.56 करोड़ विगत 5 वर्षों से संग्रहण हेतु बकाया है। 

सकल घरेलू उत्पाद से कुल बकाया ऋण का अनुपात 18.14 प्रतिशत है। जो 14 वें वित्त आयोग की सीमा 17.05 प्रतिशत से ज्यादा है।  राज्य शासन के विकास ॠण 8100 करोड़ लेने की वजह से ऐसा हुआ है। 

वर्ष 2000-01 से 2017-18 के लिए प्रावधानों पर 3260.16 करोड़ का अतिरिक्त व्यय अब भी नियमित नहीं किया गया है। 

वर्ष 2017 के दौरान कुल बजट 88599.01 करोड़ में से 13838.17 करोड़ खर्च नहीं कर पाने की वजह से 5800 करोड़ की राशि लैप्स हो गई। 

13 PSU को उनके ऑडिट न किये जाने के बाद भी राज्य सरकार ने करीब 9,463.02 करोड़ दिए।  महालेखाकार ने मामले में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की। । 

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