स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल, इलाज के लिए 10 किमी कांवड़ यात्रा, विवाद पर गांव के युवक ने चाचा-भतीजा पर टांगी से किया था वार

शासन की तमाम योजनाओं के बावजूद जिले में निवासरत राष्ट्रपति दत्तक पुत्र कह जाने वाले पहाड़ी कोरवा आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचिंत हैं।;

Update: 2019-07-19 11:15 GMT

जशपुरनगर। शासन की तमाम योजनाओं के बावजूद जिले में निवासरत राष्ट्रपति दत्तक पुत्र कह जाने वाले पहाड़ी कोरवा आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचिंत हैं। स्थिति इतनी भयावह है ​कि पहाड़ी कोरवाओं के बीमार या घायल होने पर अस्पताल आने के लिए एम्बुलेंस तक मय्यसर नहीं होती। ताजा मामला सन्ना क्षेत्र के ब्लादरपाठ का है, जहां पहाड़ी कोरवा जनजाति के रुईला पिता मंगरु व जितवा 35 पित सोरठा पर गांव के बंधु कोरवा ने किसी बात को लेकर टांगी से हमला कर दिया।

हमले में चाचा रुईला व भतीजा जितवा घायल हो गए। टांगी के हमले से रुईला गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके इलाज के लिए डायल 112 व किसी अन्य वाहन की मदद नहीं मिली। जिसके बाद गांव के बसंत व सुनील पारंपरिक झलंगी भार की मदद से कंधे पर ढोकर लगभग 10 किमी का पैदल सफर तय कर सन्ना थाना पहुंचे। थाने से घायल को सन्ना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के इलाज के लिए भर्ती कराया गया। पहाड़ी कारेवा रुईला को प्राथमिक उपचार के बाद बगीचा अस्पताल भेजा गया।

घायल अंबिकापुर हुआ रिफर

लड़ाई में टांगी के प्रहार से रुईला गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे सन्ना अस्पताल लाया गया, जहां से बगीचा सामुदायिक केंद्र भेजा गया। स्थिति काफी गंभीर होने पर रुईला का मेडिकल कालेज अंबिकापुर रिफर कर दिया गया।

सूचना मिलती तो भेजते एम्बुलेंस

सन्ना अस्पताल में एम्बुलेंस है, लेकिन फाने नहीं लगने के कारण इस मामले में घायल को कंधे में ढोकर सन्ना अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रिफर किया गया है। - एसएस पैकरा,सीएमओ जश्पुर

बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर

जशपुर जिले के पाठ क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा आज भी बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं। भले ही सरकार किसी की भी हो पर पहाड़ी कोरवाओं की यह नियति है कि उन्हें बदहाली का जीवन ही गुजारना पड़ेगा। वहीं 10 किलोमीटर किसी मरीज को कंधे पर ढोकर अस्पताल लाना स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन समेत पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान है। वह भी तब जब केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं के लिए करोड़ों की योजनाएं कागजों में बनी हुई है।  

Full View

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App 

Tags:    

Similar News