अबूझमाड़ की पहेली सुलझाएगी सरकार, पहुंचेगी विकास की रोशनी - भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अबूझमाड़ में जल्द ही विकास की रौशनी पहुंचेगी। रविवार को लोकवाणी रेडियोवार्ता के दौरान सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे करने का निर्णय लिया है।;
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा है कि अबूझमाड़ में जल्द ही विकास की रोशनी पहुंचेगी। रविवार को लोकवाणी रेडियोवार्ता के दौरान सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार प्राथमिकता से यहां सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल और शिक्षा जैसी सारी सुविधाएं पहुंचाएगी। इस समय नारायणपुर-ओरछा, नारायणपुर-धौड़ाई-कन्हार गांव-बारसूर, नारायणपुर-सोनपुर-कोंगे जैसी अनेक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिनकी लंबाई लगभग 250 किलोमीटर तथा लागत लगभग 300 करोड़ रूपए है। इसके अलावा भी एक दर्जन से अधिक सड़कों का निर्माण 150 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है। जिससे ओरछा-गुदाड़ी-कोडोली-गारपा-आकाबेड़ा-किहकाड़ आदि स्थानों पर पहुंचाना आसान हो जाएगा।
बस्तर की जीवनदायिनी इन्द्रावती को बचाने प्राधिकरण का गठन-
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर की जीवनदायिनी नदी इन्द्रावती को बचाने के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। नदी तट कटाव में कमी लाने के लिए इन्द्रावती, खारून और अरपा नदियों के 462 हेक्टेयर क्षेत्र में छह लाख पौधों का रोपण किया जा रहा है। बालका नदी पर करीब पौने 3 करोड़ रूपए की लागत से रावन सिंधी एनीकट बनाने के लिए कार्य योजना बनाई गई है।
आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के बड़े फैसले-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आदिवासियों के हक में कई बड़े फैसले लिए। सीएम ने कहा कि सपसे बड़ा फैसला लोहण्डीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस करने का था। पूर्व में इस प्रकार के जो अंतरण हुए हैं, उनमें भी न्याय दिलाने की पहल की गई है और आदिवासी भूमिस्वामी को पुनः अधिकार दिए गए हैं। अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का पूर्णतः संरक्षण किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि कोण्डागांव जिले के 9 गांवों में 9 हजार 220 एकड़ जमीन के पट्टे, धमतरी जिले के नगरी विकासखंड के जबर्रागांव में लगभग साढ़े 12 हजार एकड़ भूमि के सामुदायिक वन अधिकार पट्टे दिए गए। वन अधिकार कानून के अंतर्गत व्यक्तिगत दावों पर पुनर्विचार किया जा रहा है। दूर-दूर फैले गांवों का नए सिरे से परिसीमन कराकर उन्हें पंचायतों का दर्जा दिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन में 5वीं और 8वीं कक्षा की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App