वन अधिकार परिचर्चा में बोले मुख्यमंत्री भूपेश- जंगलवासियों की आवश्यकतापूर्ति का आ चुका है समय

दिल्ली जैसे जगह में ऑक्सीजन बार खोलने की बात हो रही है। लेकिन हम यहां ऑक्सीजन दे रहे हैं;

Update: 2020-01-03 08:54 GMT

रायपुर। नवा रायपुर के अरण्य भवन में आयोजित सामुदायिक वन अधिकार पर परिचर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। वन आधारित जलवायु सक्षम आजीविका की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव विषय पर अपना पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का 12 प्रातिशत जंगल छत्तीसगढ़ में है। दिल्ली जैसे जगह में ऑक्सीजन बार खोलने की बात हो रही है। लेकिन हम यहां ऑक्सीजन दे रहे हैं, लेकिन हमारे जंगलवासियों के यहां गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा हैI आज परिस्थिति क्या हो रही है?

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उन्होंने कहा कि आज कोई भी जंगल में नही रहना चाहता है। सब गाँवों और शहरों में रहने लगे हैं। सब जंगल को छोड़ रहे हैं। क्योंकि आज उनके आवश्यकता की पूर्ति जंगल से नहीं हो पा रही है। इसे जलवायु परिवर्तन या पर्यावरण विदोहन कहें। काफी परिवर्तन हो रहे है पर अब उनके आवश्यकता की पूर्ति का समय आ गया है।

सीएम ने कहा कि हमारे राज्य में काफी सारे वनों से उत्पादन होते हैं। लेकिन इसके लिए प्रोसेसिंग मशीन तक नही है। छ्ग के 37 प्रतिशत लोग कुपोषित हैं, लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 50 प्रातिशत हो जाता है। जिस हिसाब से जल का दोहन हो रहा है। जंगल भी सूख रहा है,और जल का दोहन भी हो रहा है। जंगल को सुरक्षित रखने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। और कार्य करने की आवश्यकता भी है। जंगल के विकास में भागीदारी निभाने की आवश्यकता नजर आ रही है। 

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