पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व MD चतुर्वेदी पर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की FIR, करोड़ो के टेंडर में घोटाले का मामला

नवंबर 2019 में राज्य शासन ने पाठ्यपुस्तक निगम से चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी थी। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2020-05-11 06:26 GMT

रायपुर। टेंडर प्रक्रियाओं में जालसाली के मामले में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने FIR दर्ज कर लिया है। अशोक चतुर्वेदी पर टेंडर प्रक्रियाओं में जालसाली कर करोड़ों रुपये की अनियमितता का आरोप है।

गौरतलब है कि नवंबर 2019 में राज्य शासन ने पाठ्यपुस्तक निगम से चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी थी। इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। टेंडर में हुई अनियमितता की शिकायत के बीच जांच का जिम्मा एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था।

एडीजी जीपी सिंह ने बताया कि होप इंटरप्राइजेस को अकेले को काम देने के लिए और लाभ पहुंचाने के लिए अशोक चतुर्वेदी और कमेटी के सभी सदस्यों ने उसे करोड़ों रुपये का ठेका दिया गया।

• उन्होंने बताया कि इस टेंडर में चार आवेदक बताए गए हैं, लेकिन जांच में साबित हुआ कि होप इंटरप्राइजेस को काम देने के लिए बाकी फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं पेश की गईं।

• गौरतलब है कि जनवरी-2020 में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर न्याय और कुछ अफसरों के भय से निजात दिलाने की मांग की थी।

• पत्र में एमडी चतुर्वेदी ने लिखा था कि उनके खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने साल 2015 से 2019 तक मुद्रण कागज खरीदी, स्वेच्छानुदान, विविध मुद्रण और अन्य पर भ्रष्टाचार का प्राथमिक जांच शुरू की गई है। 

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