कांकेर : फॉरेस्ट का फर्जी डिमांड नोट बनाकर आयरन ओर बेचने की कोशिश, पुलिस तक पहुंचा मामला

फर्जी वर्क आर्डर बनाया गया तथा 2 करोड़ सैतालिस लाख पचास हजार रूपए का डिमांड ड्राफट जमा करने संबंधी जाली पत्र भी बना लिया गया। पढ़िए पूरी खबर -;

Update: 2020-01-16 15:23 GMT

कांकेर। वन विभाग का फर्जी डिमांड नोट बनाकर आयरन ओर को बेचने के नाम पर ठगी की कोशिश करने वाले 3 लोगों को एसडीओ वनमंडल पूर्व के द्वारा पकडकर पुलिस को सौंपा गया।

वन विभाग ने जो पत्र लिखकर पुलिस को सूचना दी है, उसके अनुसार गणपति इंटरप्राइजेस शांति नगर रायपुर के द्वारा वनमंडलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर 5 मई 2019 की नीलामी में लौह अयस्क खरीदी के फर्जी वर्क आर्डर बनाया गया तथा 2 करोड़ सैतालिस लाख पचास हजार रूपए का डिमांड ड्राफट जमा करने संबंधी जाली पत्र भी बना लिया गया।

15 जनवरी 2020 को लौह अयस्क को बेचने के लिए व्यापारियों को भी बुला लिया गया था। कंपनी के श्रीराम गुप्ता पिता परशुराम गुप्ता निवासी बडगेले उडीसा और उसके और दो साथी लौह अयस्क बेचने की कोशिश कर रहे थे। जबकि यह पूरा लौह अयस्क फिलहाल न्यायालीन प्रक्रिया के अधीन है और न्यायालय द्वारा इसकी देखरेख की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है।

इस लौह अयस्क की नीलामी होना फिलहाल संभव नहीं है, परंतु उक्त कंपनी के द्वारा फर्जी कागजात बनाकर वन विभाग की नीलामी में इसे खरीदना बताया गया और इसे बेचने के नाम पर ठगी कोशिश की गई।

वन विभाग के द्वारा जानकारी दी गई कि इसके लिए गणपति इंटरप्राइजेस रायपुर के अधिकृत मालिक कौशल यादव के द्वारा यह पूरी साजिष रची गई थी। वन विभाग को जब इसकी भनक लगी तब डीएफओ आर दुग्गा के निर्देश पर एसडीओ फुल सिंह ने व्यापारी बन कर इन लोगों से बात की और वन परिक्षेत्र कच्चे जहां लौह अयस्क रखा, वहां पहुंचे तो सारा भांडा फूट गया।

एसडीओ के द्वारा श्रीराम व अन्य दो व्यक्तियों तथा उनकी डस्टर कार क्रमांक डब्लु बी 02 एडी 0098 को पुलिस के सुपूर्द कर दिया गया है। इस विषय में थाना प्रभारी एस उइके ने बताया है कि फिलहाल सभी लोगों को छोड दिया गया है, मामले की सुक्ष्मता से जांच कर कार्यवाही की जाएगी। 




 


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