स्टेशन व ट्रेनों में कुल्हड़ से चाय-काफी का लुफ्त, नष्ट करने लगेंगी ग्राइंडिंग मशीन
रेल यात्रियों को स्टेशन पर प्लास्टिक व पेपर कप की जगह अब मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय व काफी मिलेगी। इसकी शुरुआत रायपुर रेलवे स्टेशन के टी.स्टाल व रेस्टोरेंटों में कर दी गई है।;
रायपुर। रेल यात्रियों को स्टेशन पर प्लास्टिक व पेपर कप की जगह अब मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय व काफी मिलेगी। इसकी शुरुआत रायपुर रेलवे स्टेशन के टी.स्टाल व रेस्टोरेंटों में कर दी गई है। बता दें कि रेलवे ने प्लास्टिक मुक्त रेलवे स्टेशन थीम पर देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर चायए लस्सी और खाने.पीने का सामान मिट्टी से बने कुल्हड़ए गिलास और दूसरे बर्तनों में सर्व करने का निर्णय लिया है। इन स्टेशनों मेें रायपुर रेल मंडल के चार स्टेशनों को भी शामिल किया गया है। इनमें रायपुरए दुर्ग, भाटापारा और तिल्दा स्टेशन शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि चाय व काफीए लस्सी आदि प्लास्टिक कप से रेल यात्रियों को सर्व करने से अधिक मात्रा में रेलवे स्टेशनों से प्लास्टिक कचरा निकलता हैए जो स्टेशन के साथ पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसे देखते हुए रेलवे ने गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर से चयनित चार सौ स्टेशनों पर कुल्लड़ की शुरुआत की है। इससे रेलवे स्टेशनों को जहां प्लास्टिक से मुक्ति मिलेगीए वहीं रेलयात्रियों को सफर के दौरान खाने पीने की चीजों को लेकर एक अलग ही अनुभव होगा। कुल्हड़ से पेय पदार्थों का सेवन रेल यात्रियों व पर्यावरण दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद है। रेलवे के इस कदम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलने के साथ प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगेगा। साथ ही मिट्टी के बर्तन बनाने वालों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
खादी और ग्रामोद्योग करेगा सप्लाई
रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ व दूसरे मिट्टी के बर्तन खादी और ग्रामोद्योग आयोग उपलब्ध कराएगा। इसके लिए केवीआईसी कुम्हारों के बीच देशभर में 30ए000 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण करेगा। रेल मंत्रालय के 400 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खाने.पीने का सामान मिट्टी से बने बर्तनों में उपलब्ध कराने के निर्णय के बाद रेलवे खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से स्टेशनों पर मिट्टी के बर्तन उपलब्ध कराएगा। इलेक्ट्रिक चाक दे रहे हैं। इससे रोजाना 2 करोड़ कुल्हड़ और मिट्टी के सामान बनाए जा सकेंगे।
नष्ट करने लगेगी मशीन
स्टेशन व ट्रेनों में चायए काफी व लस्सी पीने के लिए इस्तेमाल के बाद कुल्हड़ के निष्पादन के लिए ग्राइंडिंग मशीन लगाई जाएगीए ताकि कुल्हड़ के इस्तेमाल के बाद ट्रेनों व स्टेशनों में अव्यवस्था न फैले। ग्राइंडिंग मशीन से नष्ट किए गए कुल्हड़ को फिर से मिट्टी में परिवर्तित कर मिट्टी के बर्तन बनाने में उपयोग हो सकेगा।
चार स्टेशनों पर शुरुआत
रेलवे के निर्देशानुसार रायपुर रेल मंडल के चार स्टेशनों पर रेल यात्रियों को चाय काफी सर्व करने मिट्टी के कुल्हड़ का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इसके लिए स्टेशन के सभी टी.स्टाल व रेस्टोरेंट को कुल्हड़ का उपयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
- तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम, रायुर रेल मंडल
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