अलगाववादी ताकतें जनजातीय समाज को खंडित करने का प्रयास कर रही हैं : राज्यपाल

वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुईं राज्यपाल अनुसुईया उइके;

Update: 2019-12-25 14:56 GMT

रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि जनजातियों की उन्नति के लिए आवश्यक है कि उनमें शिक्षा का प्रसार हो, उन्हें रोजगार के साधन मुहैया कराया जाएं। उनमें इतना आत्मविश्वास पैदा की जाए कि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। यह उद्बोधन राज्यपाल ने आज रायपुर में वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि चाहे बस्तर का अबूझमाड़ हो या जशपुर हो, हर जगह पर वनवासी विकास समिति के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। वे कहीं पर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में आदिवासियों का इलाज कर रहे हैं। वनवासी विकास समिति के कार्यकर्ताओं का सेवा कार्य वाकई सराहनीय है।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे यहां आकर ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं परिवार के बीच ही उपस्थित हुई हूं। मैंने अपने जीवन में इस समिति से बहुत कुछ सीखा भी है। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न अलगाववादी ताकतें जनजातीय समाज को खंडित करने का प्रयास कर रही हैं। कभी उनके संस्कृति और परम्पराओं पर आक्रमण हो रहा है या उनके बोली-भाषाओं पर। उन्हें अलग-अलग समूहों में बांटने की कोशिश की जा रही है।

राज्यपाल ने कहा, मेरा आग्रह है कि इस समिति के कार्यकर्ता जिस भी क्षेत्र में कार्य करें, वहां पर जनजातीय समाज को इन विघटनकारी ताकतों से सचेत रखें। यह प्रयास करें कि आदिवासी समाज एकजुट रहें और अपनी मूल संस्कृति को बचाए रखें। मेरा आग्रह है कि समिति के सदस्य वनवासी साथियों के मध्य जाएं तो उन्हें पांचवी अनुसूची के प्रावधानों, पेशा कानून सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दें। साथ ही पंचायत के माध्यम से वन अधिकार पट्टों के लिए तथा अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें।

राज्यपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इतनी महान संस्था कल्याण आश्रम के कार्यों की शुरूआत छत्तीसगढ़ से हुई है। यह जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है। इस आश्रम में अध्ययनरत छात्राओं ने तीरंदाजी तथा अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल किए हैं और देश के उच्चतम स्थानों पर भी कार्यरत हैं। इनके लिए उन्हें मैं शुभकामनाएं देती हूं।

राज्यपाल ने कहा कि देश के आजाद होने के पश्चात् जनजातीय समाज के संरक्षण के लिए संविधान में विभिन्न प्रावधान किए गए और शासन द्वारा भी विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाई गई। इनके फलस्वरूप उनमें कुछ विकास हुआ है। साथ ही शासन द्वारा उनके विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं, परन्तु सबसे अधिक आवश्यकता यह है कि समाज स्वयं आगे आएं, जनजातीय समाज के शिक्षा, कल्याण तथा रोजगार के लिए कार्य करें। निश्चित ही इन प्रयासों से आदिवासी समाज तो सशक्त होगा, साथ ही हमारा देश प्रगति की राह में आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर एकल गान भी प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय छात्रावास प्रमुख निशिकांत जोशी ने भी अपना उद्बोधन दिया। इस अवसर पर वनवासी विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष रतनलाल अग्रवाल, प्रवीण ढोलेके, प्रवीण मैशरी तथा वनवासी विकास समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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