हरियाणा : मायावती की गठबंधन से दूरी बरकरार, हरियाणा में अकेले चुनौती पेश करेगी बसपा

उत्तर प्रदेश की राजनीति में दूसरे नंबर की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी प्रमुख मायावती पार्टी की तैयारियों को जांचने कई बार हरियाणा का दौरा कर चुकी हैं। गठबंधन पर भरोसा न रखने वाली बसपा सुप्रीमों हरियाणा में भी किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही हैं।;

Update: 2019-07-08 06:09 GMT

उत्तर प्रदेश की राजनीति में दूसरे नंबर की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी प्रमुख मायावती पार्टी की तैयारियों को जांचने कई बार हरियाणा का दौरा कर चुकी हैं। गठबंधन पर भरोसा न रखने वाली बसपा सुप्रीमों हरियाणा में भी किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही हैं।

हाल ही में प्रदेश के जींद में बसपा प्रदेश स्तरीय मीटिंग में घोषणा की गई कि पार्टी किसी के भरोसे होकर चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि प्रदेश की सभी 90 सीटों पर अकेले लड़कर विपक्षी पार्टियों को चुनौती देगी। इस बैठक में सभी 90 विधानसभा के पदाधिकारी पहुंचे थे जिन्होंने पार्टी आलाकमान के फैसले की तारीफ करते हुए चुनाव को लेकर बनी रणनीति के हिसाब से चलने की बात दोहराई।

इस बैठक में हरियाणा प्रभारी सीपी सिंह के साथ पार्टी प्रभारी मेघराज ने कहा कि अगर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में दम है तो वह बैलेट पेपर से चुनाव करवाने का फैसला करे। साथ ही मेघराज ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर भी सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि ये ईमानदारी की जीत नहीं है, उन्होंने तो भाजपा की जीत को ईवीएम की जीत तक बता दिया।

पिछले चुनाव में इनेलो के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाली बसपा ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी को प्रदेश की राजनीति से बाहर बताया और कहा कि इनेलो परिवार को आपसी मतभेदों को भुलाकर एक हो जाना चाहिए। हरियाणा के प्रभारी सीपी सिंह की माने तो इसबार बसपा और भाजपा में सीधा मुकाबला है। तीसरी पार्टी के रूप में भी कांग्रेस और इनेलो तैयार नहीं हैं।

गठबंधन की राजनीति को सही न मानने वाली बसपा ने हरियाणा में गठबंधन तोड़ने का ठिकरा इनेलो पर फोड़ दिया। गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में भी बसपा ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था 2014 में जीरो सीट पाने वाली पार्टी के वर्तमान 10 सांसद हैं, पर चुनाव खत्म होते ही मायावती ने कहा कि गठबंधन से पार्टी को नुकसान हुआ इसलिए गठबंधन आगे बरकरार नहीं रहेगा। फिलहाल हरियाणा में आपसी फूट के बाद विधानसभा चुनाव रोमांचक हो गया है।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App 

Tags: