Haryana Assembly Election : चार साल पहले मनोहर सरकार को गिराने की थी तैयारी, अब भाजपा ने विधायकों को सिखाया सबक
हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने यूं ही 12 विधायकों के टिकट नहीं काटे हैं। इनमें से 8 विधायकों के टिकट काटने का फैसला चार साल पहले ही ले लिया गया था। जब इन 8 विधायकों ने भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश की थी।;
हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने अपने 25 फीसदी से अधिक विधायकों के टिकट काट दिए हैं। इसमें दो मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर का नाम भी शामिल है। 47 विधायकों में से सिर्फ 35 विधायकों को ही टिकट दिया गया है। चुनावों से पहले भाजपा ने यूं ही 12 विधायकों के टिकट नहीं काटे हैं। इनमें से 8 विधायकों के टिकट काटने का फैसला चार साल पहले ही ले लिया गया था। जब इन 8 विधायकों ने भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश की थी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने 47 सीटें जीती थीं। जिसके बाद भाजपा ने अचानक आरएसएस के प्रचारक रहे मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना दिया। जिसके कारण कई लोगों को मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब अचानक से टूट गया। ऐसे में विधायकों ने गुटबाजी कर सरकार को गिराने की कोशिश की। जानकारी के मुताबिक आठ विधायक विधानसभा की गैलरी में बैठे रहते थे। विधानसभा चल रही होती थी लेकिन अंदर नहीं जाते थे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अधिकांश विधायक राव इंद्रजीत के गुट में शामिल थे। जिनमें से पटौदी विधायक बिमला चौधरी, सोहना विधायक तेजपाल तंवर ने खुलकर मनोहर लाल का उस वक्त विरोध किया था। हरियाणा विधानसभा 2019 से पहले तक राव इंद्रजीत के भी रिश्ते मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ ठीक नहीं थे। लेकिन बेटी आरती राव को टिकट दिलाने की चाह में मुख्यमंत्री से खटास दूर हो गई थी।
विधायकों ने की थी प्रेसवार्ता
हरियाणा के मुख्यमंत्री को लेकर विधायकों ने प्रेसवार्ता भी की थी। चुनावों से करीब छह माह पहले गुरुग्राम में पटौदी विधायक बिमला चौधरी और सोहना विधायक तेजपाल तंवर के नेतृत्व में प्रेसवार्ता की गई थी। उस वक्त भी भाजपा और मनोहर लाल के ऊपर दवाब बनाया गया। लेकिन मोदी सरकार के धारा 370 हटाने के बाद समीकरण बदल गए।
टिकट कटने पर हो गया था फैसला
भाजपा सरकार ने बगावत करने वाले विधायकों के टिकट काटने का फैसला चार साल पहले ही ले लिया था। जानकारी के मुताबिक भाजपा ने पहली बार हरियाणा में बहुमत से सरकार बनायी। लेकिन कुछ विधायकों ने इसे अस्थिर करने की कोशिश की। उसी वक्त हाई कमान ने ऐसे नेता और विधायकों के टिकट काटने पर फैसला ले लिया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 से पहले इस तरह का माहौल बन गया। जिससे भाजपा चुनाव में फ्रंट फुट पर आ गई। ऐसे में भाजपा ने बिना देर किए 8 बागी समेत 12 विधायकों के टिकट काट दिए। इसका बड़ा कारण भाजपा नहीं चाहती की इस तरह के हालात दोबारा से पैदा हों।
इन विधायकों के कटे है टिकट
विपुल गोयल, राव नरबीर, तेजपाल तंवर, संतोष सारवान, बिमला चौधरी, संतोष यादव, कुलवंत बाजीगर, श्याम सिंह राणा, उमेश अग्रवाल, बिक्रम सिंह ठेकेदार, रणधीर सिंह कापड़ीवापस और रोहिता रेवड़ी के टिकट कटे हैं।
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