Haryana : खट्टर सरकार ने कैदियों की पैरोल छह सप्ताह के लिए बढ़ाने का फैसला
हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह ने बताया देशभर में बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद कैदियों की 6 सप्ताह पैरोल और बढ़ाने का निर्णय लिया है।;
हरियाणा सरकार (Government of Haryana) ने कैदियों व बंदियों की पैरोल उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से 6 सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन सभी कैदियों व बंदियों पर लागू होगा जिनकी पैरोल 20 अप्रैल, 2020 को हुई बैठक में तीन सप्ताह के लिए बढ़ाई गई थी। हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह (Ranjit Singh) ने बताया कि उच्चाधिकार-प्राप्त समिति के निर्देशानुसार अन्तरिम जमानत पर पहले छोड़े गए विचाराधीन बंदियों की जमानत (Bail) की अवधि भी उनके आत्मसमर्पण (Surrender) की तिथि से और 6 सप्ताह के लिए बढ़ाई जाएगी।
जेल मंत्री ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर अन्तरिम जमानत, पैरोल, फरलो आदि से वापस आने वाले कैदियों व बंदियों के लिए कोविड (Kovid) जांच तथा 14 दिन के लिए क्वारंटाइन (Quarantine) करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि आपात आधार पर छुट्टी के बाद जेलों में लौटने वाले विभाग के कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से कोविड जांच करवानी होगी। ऐसे कर्मचारियों को कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव आने और जेल के चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस रिपोर्ट मिलने के बाद ही नियमित ड्यूटी ज्वाइन करने की अनुमति दी जाएगी।
रणजीत सिंह ने बताया कि देशभर में बढ़ रही कोविड संक्रमितों की संख्या और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद यदि ऐसी स्थिति में पैरोल या अन्तरित जमानत पर छोड़े गए लगभग चार हजार कैदी व बंदी वापस जेलों में आते हैं तो यह एक बहुत बड़ा जोखिम होगा। इतनी बड़ी संख्या में कैदियों व बंदियों के वापस आने से कोविड संक्रमण का जोखिम बढ़ जाएगा और इससे उन्हें पैरोल व जमानत पर छोड़े जाने का पूरा उद्देश्य व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए, सरकार ने इन कैदियों व बंदियों की पैरोल, उनके पहले आत्मसमर्पण की तिथि से छ: सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है।
जेल मंत्री ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना हेतु विचार-विमर्श के लिए 5 मई को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी चेयरमैन न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।