Haryana : धान की बुआई कम करने वाले किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी खट्टर सरकार

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल (Chief Minister Manohar Lal) ने प्रदेश में पानी (Water) की बचत के लिए मुहिम शुरू की है। इसके लिए विधिवत एक पोर्टल भी बनाया गया है। उन्होंने कहा, धान की बुआई छोड़ने वाले किसान प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं। वहीं उन्होंने जल संरक्षण के लिए " मेरा पानी मेरी विरासत " मुहिम चलाने की घोषणा की है।;

Update: 2020-05-06 13:41 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल (Chief Minister Manohar Lal) ने प्रदेश के लोगों से पानी की बचत करने का आह्वान किया है। इसी तरह से उन्होंने धान के किसानों से पचास फीसदी धान की बुआई (Sowing of Paddy) कम करने पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का एलान किया है। इसके लिए राज्य के कुछ ब्लाकों का चयन कर लिया गया है, जहां पर धान की बिजाई के कारण जलस्तर लगातार गिरा है।

सीएम ने जल संरक्षण के लिए मेरा पानी मेरी विरासत मुहिम चलाने की घोषणा की है, इसके लिए विधिवत अलग से एक पोर्टल (Portal) भी बनाया गया है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों (migrant workers) से बड़ी मजबूरी होने पर नि:शुल्क घर भेजने की दिशा में चल रहे प्रयासों के बारे में बताया और बाकियों को कहा कि वे फिलहाल जाने की जिद छोड़कर पुनर्विचार करें।मुख्यमंत्री प्रदेश के नाम संबोधन के दौरान बोल रहे थे।

गिरते जलस्तर की ओऱ ध्यान दिलाया

 मुख्यमंत्री ने धान वाले एरिया में गिरते जलस्तर की ओऱ ध्यान दिलाया। सीएम ने कहा कि किसानों को प्रयास करके पचास फीसदी धान के स्थान पर मक्का और दालें का विकल्प चुन लेने चाहिए। इस तरह के किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण किया जाएगा साथ ही प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे। उन्होंने इस तरह के किसानों 35 मीटिर से ऊपर वालों को इजाजत दिए जाने के साथ ही राज्य के बाकी हिस्सों में धान की बुआई छोड़ने वाले किसान भी प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं। सीएम ने अपने संबोधन में खासतौर पर 19 ब्लाकों में इस तरह के एरिया का नाम लिया, जिसमें से 8 में धान बोया जाता हैं। सीएम ने यह भी साफ कर दिया है कि पंचायती जमीन दिए जाने के साथ ही अब धान नहीं लगाने की शर्त का पालन भी करना होगा।

धान बुआई पचास फीसदी छोड़ने की अपील

मेरा पानी, मेरी विरासत के तहत हरियाणा प्रदेश के वे ब्लाक लिए गए हैं, जिनकी गहराई 40 मीटर से ज्यादा है। 19 ब्लाकों में 8 ब्लाक में 40 मीटर से जल स्तर ज्यादा गहरा है। खासतौर पर धान बुआई वाले उन इलाकों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, जहां पर 50 हार्स पावर से ऊपर मोटर लगे हैं। इन इलाकों में भी बुआई पचास फीसदी छोड़ने की अपील। सीएम ने आने वाले वर्षों और भविष्य की याद दिलाई व कहा कि इस पर अभी से ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि पीने का पानी और उद्योग के लिए पानी की दिक्कत नहीं आए, इस दिशा में भी हम ध्यान दे रहे हैं। इस काम में सहोयग करने की अपील सीएम ने की। पिछले साल इसकी घोषणा की गई थी, जिसकी खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी। इस बारे में बहुत सारी योजनाएं केंद्र की ओर से जारी की गई हैं।

प्रवासी मजूदरों से मुख्यमंत्री का आह्वान

हरियाणा में रह रहे प्रवासी मजदूरों से आह्वान किया है कि वे घर लौटने की जल्दबाजी नहीं करें, बल्कि अगर कोई बड़ी मजबूरी नहीं है, तो वे यहीं पर रहें। उनके लिए राज्य सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओऱ से मजदूरों को यूपी औऱ बिहार वापस भेजने के इंतजाम भी नि: शुल्क किए गए हैं, इसीलिए किसी को पैसा देने की जरूरत नहीं हैं।

चार हजार कैदी, पैरोल अवधि पांच सप्ताह के लिए बढ़ाई

हरियाणा राज्य की जेलों से चार हजार कैदियों को पैरोल दिया गया था। अब केंद्र से मिले दिशा निर्देशों और कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पांच सप्ताह के लिए पैरोल बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी कैदियों की समय सीमा जिस समय समाप्त होगी, उस दौरान उनकी सही तरह से जांच पड़ताल के बाद ही जेल में लिया जाएगा।

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