Mothers Day 2019 : मदर्स डे की कब हुई शुरूआत और किसने सबसे पहले किया सेलिब्रेट

Mothers Day 2019 : मां एक ऐसा शब्द है जिसमें पूरी कायनात समाई हुई। इस शब्द को पूरी तरह से बयां करना बेहद मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। लेकिन फिर भी लेखकों, कवियों, गीतकारों ने अपने-अपने तरीकों हमेशा से मां और मां की ममता को शब्दों में पिरोने की कोशिश की है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि हर साल मई महीने (May) के दूसरे इतवार (2nd Sunday) को मनाए जाने वाले मदर्स डे (Mothers Day) को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसके साथ ही मदर्स डे (Happy Mother's Day) को पूरी दुनिया में कब से मनाना शुरू किया गया। इसलिए आज हम मदर्स डे (Mothers Day 2019) के आने से पहले मनाने की वजह और उससे जुड़ी रोचक जानकारी बता रहे हैं।;

Update: 2019-05-12 03:00 GMT

Mothers Day 2019 : मां एक ऐसा शब्द है जिसमें पूरी कायनात समाई हुई। इस शब्द को पूरी तरह से बयां करना बेहद मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। लेकिन फिर भी लेखकों, कवियों, गीतकारों ने अपने-अपने तरीकों हमेशा से मां और मां की ममता को शब्दों में पिरोने की कोशिश की है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि हर साल मई महीने (May) के दूसरे इतवार (2nd Sunday) को मनाए जाने वाले मदर्स डे (Mothers Day) को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसके साथ ही मदर्स डे (Happy Mother's Day) को पूरी दुनिया में कब से मनाना शुरू किया गया। इसलिए आज हम मदर्स डे (Mothers Day 2019) के आने से पहले मनाने की वजह और उससे जुड़ी रोचक जानकारी बता रहे हैं।

मदर्स डे की शुरुआत

मदर्स डे को सबसे पहले मनाने की शुरुआत को लेकर दुनिया में कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं। मदर्स डे की शुरुआत प्राचीन काल में ग्रीस में ग्रीक देवताओं की मां यानि साइबेले नामक देवी को सम्मान देने वाले एक वसंत उत्सव के रूप में मानी जाती है। इस उत्सव को ग्रीक भाषा में 'हिलारिया' कहा जाता है।

क्या मदरिंग संडे लैंट

सन् 1600 में वर्जिन मैरी को सम्मान जताने के लिए इंग्लैंड और यूरोप के कई सारे देशों में प्रार्थना सभा आयोजित की जाती थी। इन्हीं प्रार्थना सभा में से एक खास रविवार को वर्जिन मैरी के साथ अन्य मांओं का सम्मान किया जाता था। जिसकी वजह से मदरिंग संडे कहा जाने लगा। मदरिंग संडे का त्यौहार कैथोलिक कैलेंडर के अनुसार लेंट यानि मई महीने के चौथे इतवार को मनाया जाने लगा। जिसे वर्जिन मैरी या मदर चर्च के नाम से जाना जाता है।

मदर्स डे मई के दूसरे रविवार मनाने का कारण

आज के दौर में मदर्स डे का आधुनिक रूप देखने को मिलता है। जिसमें हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे सेलिब्रट किया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे अमेरिका की अन्ना नामक एक वॉलटिंयर के अथक प्रयास थे। आपको बता दें कि अन्ना एक निसंतान महिला थी जो अपनी मां के साथ अकेली रहती थी, लेकिन मां की मृत्यु के बाद उन्होंने लोगों को मां के सम्मान में एक दिन को सेलिब्रेट करने के बारे में जागरूक किया। भारी जन समर्थन मिलने की वजह से 8 मई, 1914 को राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने एक संयुक्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके मई में दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाने की घोषणा की थी।   

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