Happy Raksha Bandhan 2020: दोस्ती से भरा भाई-बहन का प्यारा नाता

भाई की कलाई पर बंधी प्रेमपगी राखी की नाजुक डोर भाई-बहन को जीवन भर आपस में बांधे रखती है। समय के साथ इस रिश्ते में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं। अब भाई-बहन एक-दूसरे का संबल ही नहीं, दोस्त भी बन गए हैं। हर कदम पर, हर तरह से एक-दूसरे का साथ निभा रहे हैं। रक्षाबंधन का पर्व इस रिश्ते की डोर को और मजबूत करता है।;

Update: 2020-07-31 06:42 GMT

भाई-बहन का रिश्ता मन, मान और मनोबल से जुड़ा सबसे प्यारा रिश्ता है। यह ऐसा बंधन है, जो स्नेह और सुरक्षा के सरोकार के साथ दिली जुड़ाव का भाव लिए हुए होता है। इंसानी मन-जीवन के लिए यह दोनों ही भाव अनमोल होते हैं। यही वजह है कि राखी के कच्चे धागे की डोर से बंधे इस रिश्ते पर दुनियावी बर्ताव और बदलाव का असर कम ही दिखता है। सुखद बात यह है कि निश्छल स्नेह से भरा भाई-बहन का नाता समय के साथ और भी सहज हो गया है। इस रिश्ते में अब दोस्ती का रंग भी शामिल हो गया है, जिसके चलते भाई-बहन के रिश्ते की बुनियाद और भी पक्की हो गई है।

ताउम्र बना रहने वाला रिश्ता

भाई-बहन के रिश्ते में अपनेपन, स्नेह का बीज बचपन से ही गहरा होने लगता है। यह रिश्ता रेशम की कच्ची डोर से बंधा पक्का रिश्ता बन जाता है। दरअसल, ताउम्र साथ चलने वाला यह जुड़ाव भावनाओं और संवेदनाओं की नींव पर खड़ा है। भाई-बहन को उम्र भर जोड़े रखने वाले नेह भरे नाते में प्यार और आपसी समझ हमेशा बनी रहती है। इस रिश्ते में सुख-दुख सब साझा होते हैं। बड़े होने पर भाई-बहन अलग-अलग आंगन में अपनी जिम्मेदारियां संभालते हैं, नए रिश्तों से भी जुड़ते हैं। लेकिन किसी भी जद्दोजहद में एक-दूसरे का साथ देने से नहीं चूकते। इस तरह अपनेपन से भरे भाई-बहन के रिश्ते को मन का जुड़ाव सदा मजबूत बनाए रखता है।

एक-दूसरे का बनते हैं संबल

आत्मीयता और अपनेपन का ऐसा मेल शायद ही किसी और रिश्ते में देखने को मिलता हो, जैसा भाई-बहन के रिश्ते में होता है। हंसी-खुशी वाले प्यारे पल बचपन में साथ बिताने वाले भाई-बहन जिंदगी भर उन सुगंधित यादों की पोटली साथ लिए चलते हैं। स्नेह की यह पोटली मन-जीवन को बालपन के उसी प्यारे अहसास से लबरेज रखती है। स्मृतियों के बक्से जब भी भाई-बहन खोलते हैं तो मुस्कुराहटों के मोती बिखरने लगते हैं। तभी तो सुख साझा करना हो या दुख बांटना, बहन को हर परिस्थिति में भाई का साथ हौसला देता है। इसी तरह तकलीफदेह समय में भाई भी बहनों को ही पुकारते हैं। सलाह-समझाइश की दरकार हो या कोई समस्या आ घेरे, भाई अपनी बहनों के पास दौड़ पड़ते हैं। इसी तरह दुनियावी जिम्मेदारियों में उलझी बहनें भी हर हाल में भाई का साथ देने आ पहुंचती हैं। जीवन के हर मोड़ पर भाई-बहन एक-दूसरे के शक्ति स्तंभ बन खड़े होते हैं। यही आत्मीयता और आपसी समझ इस रिश्ते को अनोखा और अनमोल बनाती है।

दोस्ती के भाव से बढ़ा लगाव

किसी भी रिश्ते में दोस्ती शामिल हो जाए तो मन की बात कहने-समझने में सहजता आ जाती है। औपचरिकता नहीं सिर्फ अपनापन रह जाता है। भाई-बहन के बीच भी दोस्ती का जुड़ाव उनके रिश्ते में और भी सहजता, लगाव को बढ़ाता है। बदलते समय के साथ भाई-बहन के रिश्ते में अब दोस्ती की यही सहजता देखने को मिल रही है। इससे उनका आपसी लगाव बढ़ा है। अब भाई, बहनों की पढ़ाई और नौकरी ही नहीं जीवनसाथी के चुनाव के मामले में भी उनके मन की बात समझने लगे हैं। उनके लिए जिंदगी के हर उस फ्रंट पर लड़ने को तैयार हैं, जो उन्हें खुशी दे, उनके मन के मुताबिक हो, उनके भविष्य को सुरक्षा दे। व्यक्तित्व को मजबूत और स्वतंत्र बनाए। कुछ ऐसे ही बहनें भी भाइयों के मन को गहराई से समझती हैं। कभी पैरेंट्स के सामने उनके खास शौक को पूरा करने की वकालत करती हैं तो कभी उनके मन के भावनात्मक पहलुओं को समझे जाने की बात कहती हैं। दोस्त बने भाइयों के पास बहनों की और बहनों के पास भाइयों की हर समस्या का हल होता है। इस तरह यह रिश्ता और भी गहरा हो रहा है, इसमें स्नेह और बढ़ रहा है।

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कोरोना आपदा के दौर में भी ना छूटा साथ

इन दिनों जब कोरोना की विपदा ने हम सबकी जिंदगी को घर तक समेट दिया है तो अपनेपन से भरे रिश्ते ही संबल बने हुए हैं। भाई-बहन भी संकट के इस समय में एक-दूजे का खूब साथ दे रहे हैं। घर में छोटे भाई-बहनों के साथ ही किशोर और युवा भाई-बहनों की जिंदगी में भी बचपन के खेल, मस्ती लौट आई है। साथ मिलकर वे घर के कामों में हाथ बंटा रहे हैं। एक-दूजे से नई स्किल सीख रहे हैं। साथ ही भाई-बहन के रिश्ते में जो स्नेह और दोस्ती है, उसका मेल इस मुसीबत से जूझने की शक्ति दे रहा है। इस वक्त की जरूरतों और परिस्थितियों के मुताबिक रहते-जीते हुए अच्छे वक्त का इंतजार किया जा रहा है। सब कुछ पहले जैसा होगा, सामान्य होगा, इस बात को भाई-बहन के चेहरे की मुस्कुराहटें पुख्ता कर रही हैं। 

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