Relationship Tips: सेल्फ ऑब्सेशन के कारण रिश्ते हो सकते हैं खराब, इसके लक्षणों को जान करें बचने का प्रयास

कुछ लोगों को हमेशा अपनी इमेज का डर सताता रहता है, वह खुद को बेहतर दिखाने के लिए कुछ भी करते हैं और तो और किसी काम में उन्हें अपनी गलतियां नजर नहीं आती। ऐसे व्यक्ति सेल्फ ऑब्सेशन का शिकार होते हैं। इस स्टोरी में हम सेल्फ ऑब्सेशन के विषय पर चर्चा करेंगे और इससे बचने के प्रयासों के बारे में भी बताएंगे...;

Update: 2022-05-19 07:01 GMT

Relationship Tips: जब कोई व्यक्ति अपने आपको लेकर अनिश्चित रहता है, उसे अपनी इमेज का डर सताता है, इनसिक्योर (Insecure) फील करता है। ऐसे लोग दूसरों के सामने हमेशा सेंटर ऑफ अट्रैक्शन (Center Of Attraction) बनना चाहते हैं। दूसरों के सामने खुद को बेहतर दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इन्हें कभी अपनी गलतियां नजर नहीं आतीं, हमेशा अपनी गलती दूसरों पर लादने की भी कोशिश करते हैं। ऐसा व्यवहार सेल्फ ऑब्सेशन (Self Obsession) की निशानी या लक्षण है। समय रहते अगर अपनी इस आदत में सुधार ना किया जाए तो ना सिर्फ इसका बुरा असर हमारे संबंधों पर पड़ता है बल्कि हमारी पर्सनल ग्रोथ भी रुकती है। इसलिए जब भी अपने भीतर सेल्फ ऑब्सेशन के लक्षण (Self Obsession Symptoms) देखें तो इसे तुरंत ही दूर करने का प्रयास करें।

बनें सेल्फ अवेयर

सेल्फ ऑब्सेशन को समझने के लिए सेल्फ अवेयर होना जरूरी है। सेल्फ अवेयर और सेल्फ ऑब्सेशन में अंतर होता है। जहां एक ओर सेल्फ अवेयर रहने वाला व्यक्ति अपनी फिक्र करता है, अपने लिए अच्छा-बुरा पहचानता है और खुश रहना जानता है। साथ ही सेल्फ अवेयर लोगों की यह भी विशेषता होती है कि वे अपनी गलतियों के बारे में जानते हैं। ये लोग दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करते, जबकि सेल्फ ऑब्सेस्ड लोग ठीक इनके विपरीत होते हैं। ये लोग बस अपने बारे में ही सोचते हैं, दूसरों को नीचा दिखाते हैं। इन्हें बस अपनी ही चिंता होती है। दूसरों के दर्द-तकलीफ से इनका कोई वास्ता नहीं होता।

कैसे बचें

वैसे तो सेल्फ ऑब्सेस्ड व्यक्ति को खुद यह नहीं पता होता है कि वह इससे पीड़ित है। सेल्फ ऑब्सेशन से बचना है तो इसके लक्षणों को समझना होगा। अगर इसके लक्षण कोई अपने भीतर पाता है, तो इनसे उबरने की कोशिश करे। जरूरी हो तो इस संबंध में अपने दोस्तों, रिश्तेदारों की मदद ले। इसके बावजूद अगर खुद में सुधार नहीं हो पा रहा है तो बेहतर रहेगा कि किसी साइकोथेरेपिस्ट से मिलकर अपनी समस्या को विस्तार से बताए, वह इसका निदान बताएगा।

याद रखें, अगर समय रहते अपनी इस समस्या का उपचार नहीं किया गया तो आगे चलकर स्थिति काफी नुकसानदेह हो सकती है।

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