हड़ताल पर राज्य के तीन हजार जूनियर डॉक्टर, सीनियर डॉक्टर पर बढ़ी जिम्मेदारी
वेतन वृद्धि की मांग को लेकर गुरुवार से प्रदेश के 3 हजार जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। रायपुर के साथ ही सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं।;
रायपुर। वेतन वृद्धि की मांग को लेकर गुरुवार से प्रदेश के 3 हजार जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। रायपुर के साथ ही सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर इसका पहले दिन ही असर देखने को मिला। सर्वाधिक बुरा असर प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय रायपुर के डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल पर पड़ा। इलाज के लिए मरीजों को घंटों भटकना पड़ा। सामान्य जांच के अलावा सोनोग्राफी, खून जांच सहित अन्य तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं भी ठप रहीं।
यहां जूनियर डाॅक्टर्स ने ओपीडी सहित आपातकालीन सेवा देने से भी इनकार कर दिया है। सुबह से ही सीनियर डॉक्टर मोर्चा संभाले रहे। मरीजाें की संख्या को देखते हुए जिनकी हालात गंभीर थी, उनका ही इलाज किया गया। सामान्य रोगियाें को बाद में आने की हिदायत देते हुए लौटाया गया। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, गुरुवार को सभी विभागों को मिलाकर 1251 मरीजों का पंजीयन तथा उपचार ओपीडी में हुआ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी जूडो के समर्थन में आ गया है।
काली पट्टी बांधकर इलाज
राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने काला फीता बांधकर ड्यूटी की। ओपीडी के बाद डॉक्टरों ने अपनी मांग को लेकर अस्पताल के मेन गेट पर जमकर नारेबाजी की। इस हड़ताल से एमसीएच में मरीजों की जांच और इलाज आगामी दिनों में प्रभावित होने की आशंका है। जूनियर डॉक्टर मंदीप ने कहा, मांग पूरी नहीं की गई, तो मजबूरी में उन्हें मरीजों की जांच और इलाज छोड़कर ओपीडी से दूरी बनानी होगी। दो दिनों बाद जूडो ओपीडी और इमरजेंसी से दूरी बना लेंगे। ऐसे में एमसीएच में मरीजों की जांच एवं इलाज व्यवस्था चरमरा सकती है।
हड़ताली चिकित्सकों से करना पड़ा निवेदन
कांकेर में जूनियर्स डॉक्टर्स के आंदोलन पर चले जाने से दिनभर अव्यवस्था बनी रही। बड़ी संख्या में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। लगातार बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक ने चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था की। वहीं, मरीजों द्वारा विनती किए जाने के बाद कुछ हड़ताली डॉक्टर्स उनकी सामान्य जांच करते और परामर्श देते हुए भी नजर आए। हालात बिगड़ता देख निवेदन पर डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवा दी।
अस्पताल में ही रहेंगे सीनियर डॉक्टर
जगदलपुर के डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज का भी हाल बेहाल रहा। मेकाज प्रबंधन ने ओपीडी एवं 27 वार्ड में भर्ती 317 मरीजों के लिए लगभग 95 सीनियर डॉक्टरों को तैनात किया है। प्रबंधन का कहना है कि हड़ताल के पहले दिन प्रबंधन की ओर से अस्पताल के मरीजों को परेशानी नहीं हुई, साथ में रात को मरीजों के गंभीर हाने पर सीनियर डॉक्टरों को बुलाया जाएगा। हालांकि जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने से यहां अन्य दिनों की तुलना में इलाज में देर हुई। अधीक्षक डॉ. अनुरूप साहू ने बताया, अस्पताल के ज्यादातर सीनियर डॉक्टर मेकाज परिसर में रहवासी हैं और जो डॉक्टर बाहर रहते हैं, उन्हें हड़ताल के दौरान मेकाज में ही रहने निर्देश दिया गया है, ताकि मरीजों को परेशानी न हो।