अस्पताल में मरीजों से मिलने के लिए लग रहा 500 रुपए कोरोना-टैक्स!

संक्रमित होने के बाद इलाज के नाम पर लाखों रुपए का बिल थमाने की शिकायतें तो आम हैं, मगर इस बार एमएमआई अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों से मिलने आने वाले रिश्तेदारों से ही कोरोना जांच के नाम पर वसूली शुरू कर दी। मरीजों से मिलने से पहले कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई और जांच के नाम पर पांच-पांच सौ रुपए वसूली शुरू हो गई। वसूली की शिकायत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश जारी कर प्रबंधन से जवाब मांगा है।;

Update: 2021-03-03 05:24 GMT

रायपुर. संक्रमित होने के बाद इलाज के नाम पर लाखों रुपए का बिल थमाने की शिकायतें तो आम हैं, मगर इस बार एमएमआई अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों से मिलने आने वाले रिश्तेदारों से ही कोरोना जांच के नाम पर वसूली शुरू कर दी। मरीजों से मिलने से पहले कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई और जांच के नाम पर पांच-पांच सौ रुपए वसूली शुरू हो गई। वसूली की शिकायत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश जारी कर प्रबंधन से जवाब मांगा है।

वैक्सीन आने से पहले कोरोना से बचाव की दवा भले ही नहीं थी, मगर इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा लाखों रुपए का बिल बनाया जाता रहा। अब कोरोना का प्रकोप कम हो चुका है, मगर इसके नाम पर की जाने वाली वसूली बंद होने का नाम नहीं ले रही। राजधानी के एक बड़े अस्पताल एनएचएमएमआई ने इसकी शुरुआत भी कर दी और अस्पताल में आने वाले नॉन कोविड मरीजों के रिश्तेदारों से ही वसूली शुरू कर दी है।

अस्पताल में संक्रमण न फैले, इसलिए स्वास्थ्य विभाग को बगैर सूचना दिए आंगतुकों की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है और रिपोर्ट नहीं लाने पर अस्पताल में ही जांच के नाम पर पांच-पांच सौ रुपए की वसूली की जा रही थी। दूरदराज से अपने बीमार रिश्तेदार से मिलने आने वाले लोग लौटने के बजाय अस्पताल प्रबंधन द्वारा की जा रही इस वसूली का शिकार होते रहे। पिछले दिनों मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंची और मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारी एक्शन मोड पर आ गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश देकर मामले में जांच बिठाई गई है और अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।

अधिवक्ता से वसूली

मंदिरहसौद इलाके में रहने वाले एक अधिवक्ता पिछले दिनों अपने रिश्तेदार से मिलने एमएमआई गए थे, जहां कोविड जांच के नाम पर उनसे पांच सौ रुपए वसूले गए। अधिवक्ता ने इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई और मामले की तफ्तीश शुरू की है।

बैकफुट पर प्रबंधन

वसूली का खुलासा होने के बाद मामले को शांत करने के लिए शिकायत करने वाले अधिवक्ता को पैसे वापस करने की पेशकश भी की गई, मगर उनकी ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिला। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी अस्पताल प्रबंधन ऐसा नहीं करने अथवा आम लोगों की जानकारी के लिए नोटिस चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं।

जवाब मांगा है

मिली शिकायत के आधार पर एमएमआई प्रबंधन को नोटिस जारी कर अपना स्पष्टीकरण पेश करने के लिए कहा गया है।

- डा. मीरा बघेल सीएमएचओ

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