गंगा-जमुनी तहजीब की पेश हुई अनूठी मिसाल, युवा जब वैराग्य धारण करने चला तो किसने कराया नगर भ्रमण... पढ़िए...
ऐसी बहुत सी मिसालें हैं जो उम्मीद जगाती हैं और जिन्हें देखकर ये लगता है कि जो ताना-बाना इस देश में आपसी भाईचारे का है, वो इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं है। पढ़िए पूरी खबर...;
रविकांत सिंह राजपूत-चिरमरी। हिंदुस्तान (hindustan) की खूबसूरती है, इसकी गंगा-जमुनी (ganga-jamuna) तहजीब। अनेकता में एकता और आपसी भाईचारा (brotherhood)। हालांकि, आजकल इसी खूबसूरती को खत्म करने में भी कुछ लोग लगे हुए हैं। लेकिन ऐसी बहुत सी मिसालें हैं जो उम्मीद जगाती हैं और जिन्हें देखकर ये लगता है कि जो ताना-बाना इस देश में आपसी भाईचारे का है, वो इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं है।
चिरमिरी (chirmiri) के संयम जैन ने 19 साल में वैराग्य जीवन जीने का प्रण लिया है। संयम सरगुजा (sarguja) संभाग के पहले ऐसे युवा है जो जैन मुनि बनने की दीक्षा ले रहे है। संयम के जैन मुनि (jain muni) बनने से पहले चिरमिरी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां मुस्लिम (muslim) समाज के एक व्यक्ति ने संयम को हाथों से उठाकर नगर भ्रमण कराया।