पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आय की अनूठी पहल : वर्मी कम्पोस्ट बैग बनाने के रूप में महिलाओं को कमाई का नया जरिया मिला
प्लास्टिक की वजह से प्रदूषण न हो, इंसानों और मवेशियों को भी इससे नुकसान न हो, इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के चलते गौठानों के जरिए ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार का नया साधन मिला है। पढ़िए पूरी खबर...;
महासमुंद। प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले खतरे को भांपते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके इस्तेमाल को हतोत्साहित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इसी सोच के अनुरूप, प्लास्टिक की वजह से प्रदूषण न हो, इंसानों और मवेशियों को भी इससे नुकसान न हो, इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के चलते गौठानों के जरिए ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार का नया साधन मिला है। गौठानों में महिला स्व सहायता समूह अब वर्मी कंपोस्ट से बैग तैयार कर रही हैं, जो सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के रूप में पर्यावरण को संरक्षण दे रहा है। पर्यावरण संरक्षण के साथ ही महिलाएं आय भी अर्जित कर रही हैं।
रीपा में तय मानक के अनुरूप बनाए जा रहे बैग
सिरपुर वर्मी कम्पोस्ट बैग की बढ़ रही है मांग
इसी तर्ज पर महिला समूह अमानक प्लास्टिक पर असरदार तरीके से बैन लगाने के लिए सस्ते दरों पर वैकल्पिक सामग्रियां उपलब्ध करा रही हैं। इसी क्रम में महासमुंद जिले के बिरकोनी गौठान की ग्रामीण महिलाएं सिरपुर वर्मी कम्पोस्ट नाम से बैग निर्मित कर रही हैं। बाजार और गौठानों में इसकी लगातार मांग बढ़ रही है।
वर्मी कम्पोस्ट बैग गौठानों के साथ सी मार्ट में भी उपलब्ध
बना लिए 5 हजार बैग, लगातार मिल रहा है आर्डर
राम जानकी स्व-सहायता समूह बिरकोनी की श्रीमती रेखा नागपुरे ने बताया कि, अब तक उन्होंने 5 हजार वर्मी कम्पोस्ट बैग जिले की गौठानो में मांग अनुसार उपलब्ध कराया है। उन्हें और भी ऑर्डर लगातार मिल रहे हैं। समूह की अध्यक्ष के अनुसार यह बैग मानक के अनुरूप होने के साथ ही काफी हल्के और मजबूत होने के कारण लाने ले जाने में आसान है, जिसकी वजह से इनकी मांग ज्यादा है।