संविदा कर्मियों पर एम्सा लगाने पर भड़के आप नेता : बोले- सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए लगा रही एम्सा...

संविदा कर्मियों पर एम्सा लगाने को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता विजय झा ने भूपेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, एस्मा लगाए जाने के फैसले पर सरकार की निंदा करते है।...आगे क्या कहा...पढ़िए पूर खबर;

Update: 2023-07-26 10:47 GMT

मनोज नायक/रायपुर- संविदा कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से राज्य सरकार ने एम्सा लगा दिया है। प्रदेश सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों की मांगों और वेतन वृद्धि पर विचार करने की घोषणा की है। संविदा कर्मियों पर एम्सा लगाने को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता विजय झा ने भूपेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, एस्मा लगाए जाने के फैसले पर सरकार की निंदा करते है। सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए कार्रवाई कर रही हैं।

आंदोलन को रोकने के लिए लगाया एम्सा- विजय

'आप' नेता विजय झा ने कहा कि, कर्मचारियों के आंदोलन को कुचलने के लिए एम्सा लगाया गया है। एस्मा लगाकर के लोकतंत्र को भी सरकार कुचल रही है। सीएम और डिप्टी सीएम तत्काल प्रभाव से संविदाकर्मियों को नियमित कर दें।

संविदा कर्मचारियों पर लगाया गया एम्सा क्या है...

आपकी जानकारी के लिए बता दें, एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंच एक्ट एक ऐसा कानून है जो 1968 में लागू किया गया था। इसे अनुरक्षण कानून भी कहा जाता है। इस कानून के हिसाब से जब भी कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं या फिर हड़ताल की वजह से जरूरी सेवाएं बाधित हो जाती हैं। उस वक्त सराकार एम्सा लगाती है। इसके अलावा एस्मा लागू होने के बाद भी यदि कर्मचारी हड़ताल पर होते हैं तो उसे अवैध मानकर सरकार एस्मा एक्ट के तहत कार्यवाही कर सकती है। अगर कर्मचारी फिर भी नहीं माने तो 6 महीने की जेल और 200 रुपये का जुर्माना देना होता है। इसके अलावा हड़ताल के लिए उकसाने वाले कर्मचारी नेताओं को 1 साल की सजा और 1 हजार रुपये देना होता है। इस एक्ट के लागू होने के बाद कंपनी कानून, कर्मचारी हितैषी कानून निरस्त हो जाते हैं। किस अवधि तक के लिए एस्मा लगाया जाए यह सरकार तय करती हैं।

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