छत्तीसगढ़ से जुड़े 50 हजार ऐतिहासिक दस्तावेज मिले, मध्यप्रदेश से इसी माह आएंगे
छत्तीसगढ़ राज्य को बने 20 साल हो गए, पर यहां से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों को मप्र से नहीं लाया जा सका था। 20 बरस बाद अब वहां से इसी माह 50 हजार प्रतियां आएंगी। इनमें आजादी से पहले की घटनाओं से संबंधित दस्तावेज हैं। छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग अपने ऐतिहासिक अभिलेखों को सहेजने में जुटा है। इसके लिए मध्यप्रदेश संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग भाेपाल के अभिलेखागार में संग्रहित छत्तीसगढ़ से संबंधित आजादी से पहले व बाद के लिखित ऐतिहासिक अभिलेखों को चिन्हांकित कर वापस लाया जा रहा है।;
रायपुर.छत्तीसगढ़ राज्य को बने 20 साल हो गए, पर यहां से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों को मप्र से नहीं लाया जा सका था। 20 बरस बाद अब वहां से इसी माह 50 हजार प्रतियां आएंगी। इनमें आजादी से पहले की घटनाओं से संबंधित दस्तावेज हैं। छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग अपने ऐतिहासिक अभिलेखों को सहेजने में जुटा है। इसके लिए मध्यप्रदेश संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग भाेपाल के अभिलेखागार में संग्रहित छत्तीसगढ़ से संबंधित आजादी से पहले व बाद के लिखित ऐतिहासिक अभिलेखों को चिन्हांकित कर वापस लाया जा रहा है। संस्कृति विभाग के संचालक ने बताया कि एमपी-सीजी बंटवारे के समय लाखों की संख्या में प्रदेश से संबंधित अभिलेख भोपाल के अभिलेखागार में छूटे हुए हैं, जिनमें 1919 से 1947 तक की छत्तीसगढ़ में घटित घटनाओं जैसे अंग्रेजी शासकों, स्थानीय जमीदारों, स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संघर्ष को लेकर पत्र व्यवहार, समाचार पत्र आदि
तरह के दस्तावेज शामिल हैं। इन लिखित ऐतिहासिक अभिलेखों को धरोहर के रूप में संग्रहित करना विभाग की जिम्मेदारी है। इसके मद्देनजर विभाग ने भोपाल से इन अभिलेखों के हार्ड व डिजिटल फार्मेट में हजारों प्रतियां अब तक संग्रहित करने में कामयाबी हासिल की है, जो इस महीने के अंत तक महंत घासीदास परिसर स्थित संस्कृति विभाग के अभिलेखागार में आम लोगाें के अवलोकन के लिए पहुंच जाएंगी। इसके बाद नया रायपुर में विभाग का नया अभिलेखागार बनने के बाद संग्रहित किया जाएगा।
अधिकारी भोपाल में जमे
संस्कृति विभाग ने भोपाल के अभिलेखागार में रखे छत्तीसगढ़ से जुड़े एतिहासिक अभिलेखाें का चिन्हांकन व डिजिटल फार्मेेट में संग्रहित करने दो विभागीय अधिकारियों को भेजा है, जो महीनों से छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक अभिलेखों को ढूंढने में जुटे हुए हैं। इन अधिकारियों ने अब तक 20 हजार ऐतिहासिक अभिलेखों को चिन्हांकित कर डिजिटल फार्मेट में संग्रहित कर लिया है। वहीं 30 हजार चिन्हांकित अभिलेखों का डिजिटलीकरण जारी है। 31 मार्च से पहले तक छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक अभिलेखों की कुल 50 हजार प्रतियां डिजिटल फार्मेट में संग्रहित कर भोपाल से संस्कृति विभाग के रायपुर स्थित अभिलेखागार में लाई जाएंगी।
अभिलेखों की संख्या लाखों में
संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल के अभिलेखागार में आजादी के पहले से लेकर स्वाधीन भारत तक छत्तीसगढ़ से सबंधित अंग्रेजी हुकूमत, स्वतंत्रता संग्राम एवं राजनैतिक, सामाजिक परिवर्तन की घटनों से जुड़े साक्ष्यों के लिखित दस्तावेज मौजूद हैं, जिन्हें ऐतिहासिक अभिलेखाें के तौर पर सहेज कर रखा गया है। ऐसे दस्तावेजों की संख्या हजारों में नहीं, बल्कि लाखोें में है। इन्हें जितनी जल्दी हो सके, छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग हार्ड व डिजिटल कापियों मेें संग्रहित कर राजधानी के अभिलेखागार में संग्रहित करेगा।
नया अभिलेखागार भी जल्द
एमपी-सीजी बंटवारे में छूटे 1919 से 1947 तक के ऐतिहासिक अभिलेखों को चिन्हांकित कर भोपाल से रायपुर लाया जा रहा है। वर्तमान में करीब 50 हजार अभिलेखों की डिजिटल प्रतियां भोपाल से इस 31 मार्च तक विभाग के अभिलेखागार में संग्रहित कर ली जाएंगी।
- विवेक आचार्य, संचालक, संस्कृति विभाग