Raipur: कृषि उपज मंडी बोर्ड विफल, करोड़ों के बने बाजारों में नहीं पहुंच रहे किसान

Raipur News: कभी अरबों का व्यापार करने वाली रायपुर की कृषि उपज मंडी आज वीरान पड़ी है। समर्थन मूल्य में प्राथमिक सोसायटी से खरीदी शुरू होने के बाद से इस मंडी में आवक कम होने लगी। तीन वर्ष पहले सरकार ने यहां की भूमि पर करोड़ों रुपये खर्च कर किसान उपभोक्ता बाजार का निर्माण करवाया था पर अब किसानों के न आने से यहां सन्नाटा फैला हुआ है। आइए जानते है विस्तार से...;

Update: 2023-07-14 04:53 GMT

Raipur News: कृषि उपज मंडी बोर्ड द्वारा शहर के लोगों को महंगी सब्जी की खरीदी से राहत दिलाने के लिए किया गया प्रयोग फेल हो गया है। इसके लिए शहर के दो क्षेत्रों में 150 से ज्यादा सब्जी उत्पादकों के लिए शेडयुक्त चबूतरे बनवाने पर मंडी समिति ने एक करोड़ 25 लाख से ज्यादा बजट भी खर्च कर दिया। इसके बाद भी बाजार भाव से कम दर पर ताजी सब्जी दिलाने में समिति के जिम्मेदार नाकाम हैं। इसके चलते और कृषि उपभोक्ता बाजार में तीन साल से सन्नाटा पसरा है।

कृषि उपज मंडी बोर्ड ने 5 साल पहले पंडरी और गंज मार्केट में 150 से ज्यादा छोटे सब्जी उत्पादकों के लिए बाजार बनवाने पर एक करोड़ 25 लाख से ज्यादा खर्च किए। बोर्ड ने जिस उत्साह से बाजार को शुरू कराया, उसे जिम्मेदार ज्यादा समय तक कायम नहीं रख पाए। इससे शहर के लोगों को कम दर पर हरी सब्जी उपलब्ध कराने की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। अब किसान भी बाजार में आने के लिए तैयार नहीं हैं। अभी शास्त्री मार्केट सहित डूमरतराई के अलावा साप्ताहिक बाजारों में लोगों को महंगी दरों पर सब्जी की खरीदी करनी पड़ रही है। इसके बाद भी कृषि उपज मंडी के जिम्मेदार लोगों को रियायती दरों पर सब्जी उपलब्ध कराने के लिए सब्जी उत्पादकों को बाजार में वापस लाने के लिए प्रयास भी नहीं कर रहे हैं। इससे लोगों को महंगी सब्जी खरीदी से राहत भी नहीं मिली है।

किसान आने को तैयार नहीं

बाजार बनने के बाद मंडी समिति द्वारा तय की जाने वाली दर यानी लोगों को बाजार भाव से कम दर पर सब्जी उपलब्ध कराई जानी थी। नए प्रयोग से होने वाला फायदा भी शहर के लोगों को नहीं मिल रहा है। किसानों के लिए बनवाया गया बाजार अव्यवस्था का शिकार है। किसान भी बाजार में लौटने को तैयार नहीं है, क्योंकि उन्हें बाड़ी में ही व्यापारी बाजार भाव देकर सब्जी उठा रहे हैं। इससे किसानों को बाजार तक सामान लेकर आने पर होने वाले खर्च से भी राहत मिल रही है।

गंज मार्केट में हो गया कब्जा

गंज मार्केट में बनवाए गए तीन शेड में अभी तक किसानों ने बाजार भी शुरू नहीं किया है। इससे मंडी समिति द्वारा करवाए शेड निर्माण का फायदा मार्केट में थोक व्यापारी ले रहे हैं। व्यापारी शेड का उपयोग सामान रखने में करने लगे हैं। इतना ही नहीं, सब्जी उत्पादक भी बैठने केे लिए तैयार नहीं हुए, क्योंकि यहां पार्किंग की समस्या के साथ ही जरूरी सुविधाओं का भी अभाव है। इससे सब्जी उत्पादक इस बाजार में बैठने के लिए तैयार नहीं हैं। मंडी के जिम्मेदारों ने समाधान भी नहीं किया है।

इस क्षेत्र को मिलता फायदा

पंडरी में बाजार बनाते समय समिति ने देवेंद्र नगर, मोवा, दुबे कॉलोनी, कपड़ा मार्केट क्षेत्र, चूना भट्ठी, रमण मंदिर वार्ड सहित लोधी पारा क्षेत्र के लोगों को रोज तय की जाने वाली दर पर ताजी सब्जी किसानों द्वारा बेची जानी थी। इस बाजार को शुरू करवाने के बाद कुछ महीनों में ही दावा फेल हो गया। बाजार में ग्राहकी होने के बाद बाजार वीरान पड़ा है। गंज मार्केट में शुरू भी नहीं करा पाए हैं। इस बाजार का फायदा समता, चौबे कॉलोनी सहित बड़ी आबादी को मिलने वाला था।

बाजार शुरू करने का प्रयास

दोनों ही जगह बने कृषि उपभोक्ता बाजार शुरू करने प्रयास किया जा रहा है। पंजीकृत सब्जी उत्पादकों से तालमेल बनाकर लोगों के लिए बाजार शुरू किया जाएगा। कुछ किसानों से इसके लिए चर्चा भी की गई है।

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