अक्ती तिहार : मुख्यमंत्री पहुंचे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, बीज बुवाई संस्कार के तहत बोये लौकी, सेम और तोरई के बीज, ट्रैक्टर भी चलाया

CM बघेल ने कहा कि, हमारी सरकार तीज त्योहारों को परंपरागत अंदाज में सेलिब्रेट कर रही है। छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया को अक्ती तिहार के रूप में मनाने की परंपरा रही है। विपक्ष ने कभी इस तरह तीज त्यौहार नहीं मनाया, इसीलिए उनको तकलीफ हो रही है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-04-22 08:17 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। वे यहां अक्ती तिहार और माटी पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। CM भूपेश बघेल ने यहां ट्रैक्टर चलाकर अक्ती तिहार सेलिब्रेट किया। साथ ही प्रदेशवासियों को अक्ती तिहार की बधाई दी। इस दौरान CM बघेल ने भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, हमारी सरकार तीज त्योहारों को परंपरागत अंदाज में सेलिब्रेट कर रही है। छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया को अक्ती तिहार के रूप में मनाने की परंपरा रही है। विपक्ष ने कभी इस तरह तीज त्यौहार नहीं मनाया, इसीलिए उनको तकलीफ हो रही है।

CM ने पूजा कर अच्छी फसल के लिए धरती माता से की कामना

मुख्यमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालय में गांव की माटी, देवी-देवताओं और ठाकुर देव की पूजा की। श्री बघेल ने बीज बुवाई संस्कार के तहत लौकी, सेम, तोरई के बीज बोये और गौ माता को चारा खिलाया। CM ने धान की कोठी से बीज लाकर पूजा की और अच्छी फसल के लिए धरती माता से कामना की।

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छत्तीसगढ़ उद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में एक बड़ा हब बनेगा

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि, यह प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। 70 से 80 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं। इन चार सालों में कृषि उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में खासकर आदिवासी अंचलों में कोदो, कुटकी, रागी का उत्पादन करते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य निर्धारित किया और उसकी खरीदी की व्यवस्था भी की है। बस्तर में अब यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। हम उसकी मांग की पूर्ति भी नहीं कर पा रहे हैं। बस्तर क्षेत्र में पहले किसान मिर्ची की तोड़ाई के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जाया करते थे। अब किसान खुद ही बस्तर में मिर्ची की खेती कर रहे हैं। प्रदेश में उद्यानिकी और वानिकी के विकास के लिए भरपूर संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ उद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में एक बड़ा हब बनेगा। देश-विदेश से लोग यहां अध्ययन के लिए आएंगे। 

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