Amla Navami worship : इस स्कूल में मैडम और बच्चों ने की आंवले के पेड़ की पूजा, सुनाई आंवला नवमीं के महत्व की कहानी

कार्तिक शुक्ल की नवमीं तिथि को आँवला नवमीं मनाई जाती है। आँवला नवमीं के दिन व्रत रखकर आँवला के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आँवला नवमीं के दिन व्रत रखने और पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसीलिए यह अक्षय नवमीं भी कहलाती है। पढ़िए पूरी खबर ...;

Update: 2023-11-21 10:10 GMT

बेमेतरा । छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले (Bemetara district) के शासकीय प्राथमिक शाला समेसर (Government Primary School Samesar )में मगंलवार को आंवला नवमीं (Amla Navami)का पावन पर्व बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। आंवला नवमीं के चलते विद्यालय की प्रधान पाठिका साधन साहू ने आंवले के पेड़ की पूजा की और आंवले के तने की कपूर और घी का दीपक जलाकर पूजा की। आंवला नवमीं की कहानी के बारे में बच्चों को सुनाई।

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प्रधान पाठिका ने बताया कि, कार्तिक शुक्ल की नवमीं तिथि को आँवला नवमीं मनाई जाती है। आँवला नवमीं के दिन व्रत रखकर आँवला के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आँवला नवमीं के दिन व्रत रखने और पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसीलिए यह अक्षय नवमीं भी कहलाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आँवला नवमीं के दिन आँवला के पेड़ से अमृत की बूंदे टपकती है। इसीलिए इस दिन आँवला के पेड़ के नीचे बैठने और भोजन करने की परंपरा है। ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है। इसके साथ ही अक्षय नवमीं के दिन आँवला वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। इस मौके पर शाला के बच्चों ने रंगोली भी बनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधान पाठिका साधना साहू, गोपेश्वरी साहू, और शिक्षक दिलीप कुमार जांगड़े उपस्थित थे।

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