प्राचीन मूर्तियों के गुम होने के बाद अब जांच सत्यापन के लिए बनी कमेटी
छत्तीसगढ़ की पुरातात्विक धरोहरों के गुम होने की जानकारी सामने आने के बाद संस्कृति और पुरातत्व विभाग कूंभकर्णी निद्रा से जागा है। विभाग ने अब न सिर्फ राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय बल्कि प्रदेशभर के संग्रहालयों से मूर्तियों के गुम हाेने और पुरावशेषों के भौतिक सत्यापन नहीं होने को लेकर जांच समिति बनाने की तैयारी की है।;
छत्तीसगढ़ की पुरातात्विक धरोहरों के गुम होने की जानकारी सामने आने के बाद संस्कृति और पुरातत्व विभाग कूंभकर्णी निद्रा से जागा है। विभाग ने अब न सिर्फ राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय बल्कि प्रदेशभर के संग्रहालयों से मूर्तियों के गुम हाेने और पुरावशेषों के भौतिक सत्यापन नहीं होने को लेकर जांच समिति बनाने की तैयारी की है। इसे लेकर संस्कृति विभाग की ओर से राज्य शासन को पत्र लिखा गया है।
बता दें कि बीते दिनों हरिभूमि ने महंत घासीदास संग्रहालय से पुरातात्विक महत्व की मूर्तियों के गुमने और चोरी होने के मामले का खुलासा किया था। हरिभूमि की पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आया था कि पिछले 10 सालों से पुरावशेषों का भौतिक सत्यापन तक नहीं कराया गया है। इसी के बाद संस्कृति विभाग ने यह फैसला लिया है।
संस्कृति व पुरातत्व विभाग के अधिकारियाें ने बताया है कि महंत घासीदास संग्रहालय सहित प्रदेश के दूसरे संग्रहालयों में भी एतिहासिक महत्व के पुरावशेषों को सहेजा गया है। इन संग्रहालयाें से पुरावशेषों के गुम होने व समय पर भौतिक सत्यापन नहीं होने की सूचना संस्कृति विभाग ने अब मंत्रालय स्तर पर दी है। विभाग ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है।
इसके बावजूद गुम मूर्तियों के संबंध में कार्रवाई नहीं हो सकी है। खासतौर पर पुरातात्विक महत्व की लिहाज से प्रदेश में सबसे समृद्ध माने जाने वाले महंत घासीदास संग्रहालय से मूर्तियों के गायब होने के मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। अब इसे संज्ञान में लेकर समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। समिति न सिर्फ गुम मूर्तियों की वजह इसके लिए जिम्मेदार लोगों और बचाने के तरीकों का पता लगाएगी बल्कि भौतिक सत्यापन नहीं होने के कारणों को भी तलाशेगी।
पुरातत्वविद होंगे समिति का हिस्सा
संस्कृति विभाग की ओर से गठित होने वाली समिति में 5 से 7 पुरातत्वविद शामिल किए जाएंगे। समिति में विभाग के सेवानिवृत अधिकारी शामिल हाेंगे। समिति संग्रहालयों में रखे हुए पुरावशेषाें की वस्तुस्थिति की जांच रिपोर्ट तैयार कर राज्य शासन व संस्कृति व पुरातत्व विभाग को रिपोर्ट देगी। समिति की रिपोर्ट में किन संग्रहालयों में कितने और कौन-कौन से पुरावशेष रखे हैं इसकी जानकारी भी होगी। समिति इस बात का भी पता लगाएगी कि वर्तमान में पुरावशेष सुरक्षित हैं भी या नहीं? कहीं मूर्तियां चोरी तो नहीं हो रही हैं या किन कारणों से गुम हुई हैं? साथ ही भौतिक सत्यापन को लेकर भी अपनी विस्तृत रिपाेर्ट विभाग को सौंपेगी।
शासन को पत्र लिखा
संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संग्रहालयों खासतौर पर महंत घासीदास संग्रहालय में पिछले 10 सालों से पुरावशेषों का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ है। मूर्तियों के गुम होने का मामला भी सामने आया है। अब इस विषय पर पुरातत्वविदोें की एक जांच समिति गठित करने राज्य शासन को पत्र लिखा गया है।