आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका को बड़ी राहत, अब नहीं रोका जायेगा मानदेय
महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बड़ी राहत मिली है। पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड कर डाटा नहीं भेजने पर उनके मानदेय का भुगतान रोक दिया जाता था उसे अब नहीं रोका जाएगा।;
महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बड़ी राहत मिली है। पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड कर डाटा नहीं भेजने पर उनके मानदेय का भुगतान रोक दिया जाता था उसे अब नहीं रोका जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ द्वारा पोषण ट्रेकर एप डाउनलोड कर डाटा भेजने के मामले पर मानदेय रोके जाने के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका लगाई गई थी।
मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मानदेय नहीं रोके जाने विभाग को निर्देशित किया है। पश्चात हाईकोर्ट के आदेश पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने आदेश जारी किया है कि पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड ना होने और डाटा प्रेषण ना होने पर मानदेय का भुगतान नहीं रोका जाएगा। ज्ञात हो कि महिला एवं बाल विकास विभाग के एक आदेश के विरुद्ध संघ की बिलासपुर जिला शाख़ा अध्यक्ष भारती मिश्रा द्वारा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हाईकोर्ट के 19 मई को पारित आदेश का पालन करते हुए नया आदेश जारी किया गया है। इसके तहत पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड ना होने पर मानदेय का भुगतान नहीं रोका जाएगा। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने इस संबंध में विभाग को पत्र भी लिखा था।
नेटवर्क के कारण इन जिलों में थी समस्या
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को ऐप डाउनलोड करने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बलरामपुर, सूरजपुर, अंबिकापुर, जशपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव, जगदलपुर, बीजापुर जैसे जिलों में हमेशा नेटवर्क की समस्या रहती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह हज़ार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास स्मार्टफोन नहीं है। इसकी वजह से आदेश का पालन करने में दिक्कत हो रही थी।