social work: अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने बच्चों में भूख और कुपोषण को मिटाने के लिए की मल्टीमीडिया अभियान की शुरुआत

Update: 2023-09-15 12:51 GMT

रायपुर। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) ने भूख और कुपोषण के गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए एक अभियान की शुरुआत की है। सितंबर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए यह अभियान अपने टैगलाइन, अगर बचपन से पूछा खाना खाया, तो देश का कल बनाया’ बुनियादी पोषण के महत्व पर प्रकाश डालता है और समग्र पोषण की आवश्यकता का प्रचार करता है। हमारे देश में बच्चों का विकास, उनकी अप्रयुक्त क्षमता का पोषण करना और यह सुनिश्चित करना कि वे विकास के अवसरों से वंचित न हों। यह अभियान बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक उचित पोषण सुनिश्चित करके भारत की आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए फाउंडेशन के समर्पण का प्रतिनिधित्व करता है।

मेरे पिता का सपना पूरा हुआ-अध्यक्ष

अभियान के लॉन्च के अवसर पर वेदांता लिमिटेड की निदेशक और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, “मेरे पिता जी का यह दृष्टिकोण उनकी जीवन यात्रा और बचपन में भूख के अनुभवों से प्रेरित है और प्रत्येक बच्चे के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की उनकी सोच से उपजा है। इस अभियान का शुभारंभ एक ऐसे आंदोलन की शुरुआत है, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को शामिल किया जाएगा ताकि हम साथ मिलकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को उनके सपनों को साकार करने का उचित मौका दे सकें और भारत को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकें। यह हमारा अटूट विश्वास है कि प्रत्येक बच्चे में अपनी एक क्षमता है, जिसका पोषण करना आवश्यक है। न केवल उनके लिए बल्कि हमारे देश के भविष्य के लिए यह अनिवार्य है। प्रोजेक्ट नंद घर के माध्यम से, हम अपने केंद्रों में नामांकित बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। हालांकि अभी भी उन्हें उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में मदद करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें भूख और पोषण की कमी को खत्म करने के साथ शुरुआत करनी होगी।'

29 हजार आंगनवाड़ियों का होगा आधुनिकीकरण

आफ अपनी प्रमुख सामाजिक परियोजना ‘नंद घर’ के माध्यम से, वेदांता और भारत सरकार के बीच एक सहयोगी परियोजना के तहत देश भर में भूख और कुपोषण को खत्म करने में अपना योगदान कर रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत देश भर में 29,000 से अधिक आंगनबाड़ियों का विकास और आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 5,500 आंगनबाड़ियों को नंद घरों के रूप में विकसित किया है, जहां समग्र विकास के अवसरों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं के साथ साथ पूरे समाज के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। भारत सरकार के पोषण अभियान और इस वर्ष के पोषण माह की थीम ’सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत’ के अनुरूप, नंद घर पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तीकरण का समर्थन करने के अपने दृष्टिकोण का सच्चा प्रतीक बन गया है।

बच्चों के दैनिक पोषण का हो रहा विकास

नंद घरों ने लगातार जमीनी स्तर पर समुदायों के जीवन को बदलने की अपनी क्षमता को दिखाया है। इस वर्ष की शुरुआत में, आफ ने प्री-स्कूल के बच्चों के लिए नंद घरों सहित आंगनबाड़ियों में मल्टी-मिलेट न्यूट्री बार उपलब्ध कराने के लिए एक पोषण पहल शुरू की थी। न्यूट्रिहब, आईसीएआर-आईआईएमआर (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च) द्वारा अनुलेखित ये बार्स प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं, इससे न केवल बच्चों के दैनिक पोषक तत्वों के सेवन में सुधार हुआ है, बल्कि संज्ञानात्मक विकास को भी बढ़ावा मिला है और तो और आंगनबाड़ियों में अनुपस्थिति को कम किया है।

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