लॉकडाउन से पहले ही मनमानी शुरू, 180 का गुड़ाखू 400 रुपए तक में

कोरोना के बढ़ते मामले के साथ ही लॉकडाउन की आहट मिलते ही थोक व्यापारियों की मनमानी शुरू हो गई है। लॉकडाउन के दौरान गुटखा और गुड़ाखू को मनमाने दाम पर बेचकर मलाई खा चुके थोक व्यापारियों द्वारा इस बार भी यहीं ट्रिक अपनाया जा रहा है। खासकर, 180 रूपए पेकेट मे मिलने वाले गुड़ाखू को 300 से 400 रूपए तक बेचा जा रहा है।;

Update: 2021-03-29 05:45 GMT

महासमुंद. कोरोना के बढ़ते मामले के साथ ही लॉकडाउन की आहट मिलते ही थोक व्यापारियों की मनमानी शुरू हो गई है। लॉकडाउन के दौरान गुटखा और गुड़ाखू को मनमाने दाम पर बेचकर मलाई खा चुके थोक व्यापारियों द्वारा इस बार भी यहीं ट्रिक अपनाया जा रहा है। खासकर, 180 रूपए पेकेट मे मिलने वाले गुड़ाखू को 300 से 400 रूपए तक बेचा जा रहा है। महासमुंद एसडीएम सुनील चंद्रवंशी ने इस संबंध में संज्ञान लेने की बात कहीं है। बीते साल के अप्रैल माह में देश सहित जिले में लगे लॉकडाउन के दौरान गुड़ाखू और गुटखा को मनमाने दाम पर बेचकर लाखों रूपए कमा चुके जिले के थोक व्यापारियों द्वारा अभी से जमाखोरी शुरू कर दिया गया है।

कोरोना के बढ़ते मामले के साथ ही लॉकडाउन की आहट मिलते ही गुड़ाखू के दाम में दुगुना वृद्धि कर दिया गया है, जो गुड़ाखू एक सप्ताह पूर्व तक प्रति पेकेट 180 रूपए में मिल जा रहा था, उसके दाम को बढ़ाकर अब 300 से 400 रूपए पेकेट कर दिया गया है, जिसके बाद खुदरा में उपभोक्ताओं के पास 15 से 20 रुपए तक प्रति नग पहुंच रहा है।

न फैक्ट्री बंद, न सप्लाई

यह तब की स्थिति है, जब न ही गुड़ाखू फैक्ट्रियों में ताला लगा है और न ही सप्लाई बंद है। इधर, प्रशासन की कार्रवाई मास्क नहीं पहनने वालों तथा हमेशा की तरह त्यौंहार से पहले मिठाईयों का सैंपल लेने तक सीमित होकर रह गई है। दूसरी ओर आम जनों को कृत्रिम मंहगाई की ओर धकेला जा रहा, जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।

शर्तो के साथ दिया जा रहा

जिले के इन थोक व्यापारियों द्वारा सिर्फ गुड़ाखू या गुटखा खरीदने वाले खुदरा व्यवसायियों एवं आमजनों को नहीं दिया जा रहा है। बल्कि, इस शर्त पर दिया जा रहा है कि गुड़ाखू या गुटखा के साथ अन्य सामान भी खरीदना पड़ेगा। मजबूरी में लोगो को इसके चक्कर में ऐसे सामान भी खरीदना पड़ रहा है, जिसकी उनको जरूरत भी नहीं है। 

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