Arbitrary : फुटबाल के साथ फूट गई बच्चों की किस्मत, हास्टल वार्डन ने रखा भूखा, न खाना दिया और न ही नाश्ता... फिर मचा ऐसा बवाल कि...

खेल के दौरान फुटबॉल के फट जाने से सजा के तौर पर हॉस्टल प्रबंधन (hostel management) ने बच्चों को मध्यान भोजन ही देना ही बंद कर दिया। कांग्रेस नेता (congress leader) विद्यासागर सिंह का कहना है कि, इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए काम है। प्रबंधक पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-08-30 10:51 GMT

नौशाद अहमद-सूरजपुर। राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू कर रही है। लेकिन कुछ लोगों की मनमानी के कारण इन योजनाओं पर जहां पानी फिर रहा है, वहीं खिलाड़ियों के हौसले भी दिन-ब-दिन टूट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जगन्नाथपुर (jagannathpur) के एक हॉस्टल (hostel) से सामने आया है, जहां खेल के दौरान फुटबॉल (football) के फट जाने से सजा के तौर पर हॉस्टल प्रबंधन (hostel management) ने बच्चों को मध्यान भोजन (mid day meal) ही देना ही बंद कर दिया। 

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दरअसल, बीते मंगलवार को प्रतापपुर (pratappur) के जगन्नाथपुर मिशन स्कूल (jagannathpur mission school) में पढ़ने वाले छात्र हॉस्टल में फुटबाल खेल रहे थे। इस दौरान खेल-खेल में फुटबॉल फट गया इस बात से नाराज हॉस्टल प्रबंधन ने बच्चों को तीन टाइम का खाना नहीं दिया। जब इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होंने अपने पैसों से बच्चों के लिए बिस्किट मंगवाया और बच्चों को दिया। किसी ने इस घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया (social media) पर वायरल कर दिया। 


मामले में एफआईआर दर्ज हॉस्टल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर

वहीं पूरे मामले पर कांग्रेस नेता (congress leader) विद्यासागर सिंह का कहना है कि, इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए काम है। प्रबंधक पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज होनी चाहिए। वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जगन्नाथपुर मिशन स्कूल के हॉस्टल (hostel) पहुंचे थे। लेकिन प्रबंधन ने गेट ही नहीं खोला। 


दो छोटे-छोटे कमरों में रखा है 66 बच्चों को

वहीं आज जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी अपने टीम के साथ जगन्नाथपुर (jagannathpur) पहुंचे और उन्होंने जांच में पाया कि फुटबॉल (football) के फट जाने की वजह से बच्चों को सारा दिन खाने से वंचित रखा गया था। उन्होंने यह भी देखा कि, दो छोटे-छोटे कमरों में ही 66 बच्चों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस कर रखा गया है। स्कूल प्रबंधन के हॉस्टल (hostel) में भारी अनियमितताएं हैं। बच्चों के कमरों से कीटनाशक समेत अन्य स्प्रे भी वहां पर थीं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने इसका रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपने की बात कही है।


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