विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा- वैक्सीन नहीं तो सत्र में नो एंट्री
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने वैक्सीनेशन की अनिवार्यता को लेकर कहा है कि विधानसभा में वैक्सीन लगाने वालों को ही प्रवेश मिलेगा। जिन विधायकों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है वे विधानसभा में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा है कि जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है वे जल्द पहली डोज लगवा लें।;
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने वैक्सीनेशन की अनिवार्यता को लेकर कहा है कि विधानसभा में वैक्सीन लगाने वालों को ही प्रवेश मिलेगा। जिन विधायकों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है वे विधानसभा में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा है कि जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है वे जल्द पहली डोज लगवा लें। पहली डोज लगवा चुके विधायक सत्र के पहले दूसरी डोज लगवा लें। इधर विधानसभा सचिवालय अगले सप्ताह से विधायकों से दूरभाष पर वैक्सीनेशन की जानकारी लेगा। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगाई उन्हें सत्र से पहले पहला डोज लगवाने की सलाह दी जाएगी।
विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधायकों को पत्र लिखकर वैक्सीन लगवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देश प्रदेश ही नहीं बल्कि विश्व कोरोना से जूझ रहा है। हम अभी दूसरी वेव से पूरी तरह मुक्त नहीं हुए हैं कि वैज्ञानिकों की चेतावनी आ गई है कि तीसरी लहर आनी है। तीसरी लहर के भय को देखते हुए इस बार भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। यह हमारी जवाबदेही है कि हम वैक्सीन लगाएं और सुरक्षा उपायों का पालन करें। कोरोना सतर्कता को दृष्टिगत रखते हुए सभी विधायकों को वैक्सीन लगाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा है कि यदि वैक्सीन नहीं तो सत्र में प्रवेश नहीं मिलेगा।
नहीं लगवाया तो व्यवस्था करेंगे
विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराडे ने कहा कि विधायकों से विधानसभा सचिवालय अगले सप्ताह से वैक्सीनेशन कराई कि नहीं इसकी जानकारी लेने संपर्क करेगा। अगर वैक्सीनेशन नहीं कराई है तो पहली डोज लगवाने की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी किसी विधायक को वैक्सीन नहीं लगी तो लगवाने की व्यवस्था करेंगे।
सत्र में पांच बैठकें होंगी
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ विधासनभा का मानसून सत्र 26 से 30 जुलाई तक चलेगा। सत्र के दौरान पांच बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार द्वारा अनुपूरक बजट और कई शासकीय कार्य किए जाएंगे। सत्र के दौरान विपक्ष भी सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है।