स्टेशन के बाहर सड़क पर ऑटो का मजमा, ट्रेफिक जाम से राहगीर परेशान

रेलवे स्टेशन पर ऑटो रिक्शा चालकों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का कबाड़ा कर दिया है। स्टेशन परिसर स्थित ऑटो बूथ से बगैर टोकन लिए ही सवारी ढोने वाले ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा चालकों ने सड़क को स्टैंड बना दिया है। स्टेशन के गेट से लेकर गुढ़ियारी अंडरब्रिज रोड तक ऑटो खड़े कर चालक सवारी का इंतजार करते हैं जिससे न सिर्फ वाहनों का जाम लगता है बल्कि पैदल गुजरने वाले राहगीरों की मुश्किलें भी बढ़ जाती हैं।;

Update: 2021-07-09 16:53 GMT

रेलवे स्टेशन पर ऑटो रिक्शा चालकों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का कबाड़ा कर दिया है। स्टेशन परिसर स्थित ऑटो बूथ से बगैर टोकन लिए ही सवारी ढोने वाले ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा चालकों ने सड़क को स्टैंड बना दिया है। स्टेशन के गेट से लेकर गुढ़ियारी अंडरब्रिज रोड तक ऑटो खड़े कर चालक सवारी का इंतजार करते हैं जिससे न सिर्फ वाहनों का जाम लगता है बल्कि पैदल गुजरने वाले राहगीरों की मुश्किलें भी बढ़ जाती हैं।

यह हाल सिर्फ एक-दो दिन नहीं, बल्कि रोज का है, जहां सुबह-शाम करीब 6 घंटे ऑटो सड़क पर खड़े रहने से ट्रैफिक जाम होता है। ऐसे में वहां की दुकानों के बाहर खड़े होने की जगह भी नहीं बचती। सड़कों पर खड़े होने वाले ऑटो रिक्शा चालकों के पास वैद्य परमिट भी नहीं होता। इसके बाद भी इन बिगड़ैल ऑटो चालकों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है।

ऑटो चालकों की मनमानी, आंखों देखी

हरिभूमि टीम ने रेलवे स्टेशन गेट से गुढ़ियारी अंडरब्रिज रोड तक सुबह और शाम ऑटो रिक्शा की स्थिति को लेकर पड़ताल की। सुबह करीब 10 बजे गेट से एसपी जीआरपी दफ्तर के सामने तक सड़कों पर करीब 15 से 20 ऑटो रिक्शे खड़े दिखे जो सवारी का इंतजार कर रहे थे। चालकों को ऑटो रिक्शा हटाने के लिए कहने का भी वे नहीं हटे। अमूमन यही हाल शाम के वक्त भी था। दुकानदारों ने बताया कि रोज सुबह 8 से 11 बजे तक और शाम 5 से 8 बजे तक ऑटो का यहां मजमा लगा रहता है जिससे रोज घंटों ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।

300 ऑटो का रजिस्ट्रेशन

जानकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशन परिसर स्थित प्री-पेड ऑटो रिक्शा बूथ संचालन का काम प्रशासन ने ऑटो यूनियन को दिया है। यहां करीब 300 ऑटो का रजिस्ट्रेशन है, जो टोकन लेकर बूथ से सवारी की बुकिंग कराकर उन्हें छोड़ने और लाने का काम करते हैं। इनके हिसाब से ही स्टेशन परिसर में पार्किंग की जगह बनाई गई है लेकिन बिगड़ैल चालक बेतरतीब ऑटो खड़े कर परेशानी पैदा करते हैं।

शहर में दौड़ रहे 12 हजार ऑटो

जानकारी के मुताबिक राजधानी में साल 2015-16 में परिवहन विभाग से शहरी क्षेत्र के लिए 3500 और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 5500 ऑटो को परमिट दिया गया था। साल 2016-17 में शहरी 4100 और ग्रामीण 6000 और साल 2017-18 में शहरी 3500 और ग्रामीण 7000 ऑटो की परमिट संख्या पहुंच गई। अब शहर में करीब 12 हजार ऑटो दौड़ रहे हैं।

छह हजार ऑटो काे पुलिस ने दिया नंबर

जानकारी के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस ने छह हजार ऑटो को स्पेशल नंबर दिया है जिससे उनकी पहचान आसानी से हो सके लेकिन वर्तमान में 12 हजार से अधिक ऑटो सड़कों पर फर्राटे भरते हैं। इनमें 1500 से 2000 ऑटो रिक्शों के पास परमिट नहीं होने का अनुमान है जिसके बाद भी वे सवारी ढो रहे हैं।

करेंगे कार्रवाई

रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क पर ऑटो खड़े करना प्रतिबंधित है। अगर ऑटो खड़े कर सवारी बैठाई जा रही है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने अभियान चलाया जाएगा।



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