Bhaidooj : उदया तिथि के आधार पर तिलक आज, शोभन योग में अर्घ्यदान
कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को 2 बजकर 37 मिनट से शुरू हो गई है। अर्थात दोपहर बाद यह तिथि शुरू हो रही है। वहीं 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक यह तिथि रहेगी। ऐसे में 15 नवंबर बुधवार को ही भाईदूज यानी भातृद्वितीया का त्योहार मनाया जाना सभी तरह से शास्त्र सम्मत होगा। पढ़िए पूरी खबर...;
- आज दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक रहेगी दूज तिथि
- 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ हुई कार्तिक शुक्ल की द्वितीय तिथि
रायपुर। अन्य पर्व की तरह इस बार भाईदूज (Bhaidooj) की तिथि को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों (Astrologers) की मानें तो बुधवार को भाईदूज मनाना अधिक फलदायी होगा। कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को 2 बजकर 37 मिनट से शुरू हो गई है। अर्थात दोपहर बाद यह तिथि शुरू हो रही है। वहीं 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक यह तिथि रहेगी। ऐसे में 15 नवंबर बुधवार को ही भाईदूज यानी भातृद्वितीया का त्योहार मनाया जाना सभी तरह से शास्त्र सम्मत होगा। भाई दूज पर दोपहर के समय चित्रगुप्त और यमदूतों सहित यमराज का पूजन और यम के लिए अर्घ्यदान करना शुभ फलदायी और अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला होता है।
इसलिए 15 नवंबर को भाईदूज मनाना शास्त्र सम्मत
स्कन्दपुराण सहित अन्य पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन से कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को टीका लगवाया था। इसलिए दोपहर के समय जिस दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि हो उसी दिन भाईदूज का पर्व मनाया जाना चाहिए। इस वर्ष 14 नवंबर और 15 नंबर दोनों ही दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि है। लेकिन शास्त्रों का नियम है कि यदि केवल पहले ही दिन अपराह्न - व्यापिनी द्वितीया तिथि हो तो यह पर्व पहले दिन मनाया जाए और यदि दोनों दिन अपराह्न -व्यापिनी द्वितीया हो अथवा दोनों दिन न हो, तो अगले दिन यानी दूसरे दिन भाईदूज का पर्व मनाया जाना चाहिए।
दिनभर में मिलेंगे ये तीन मुहूर्त
■ सुबह 6 बजकर 43 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक लाभ चौघड़िया है। यह भाई दूज पर बहन से टीक लगवाने का पहला शुभ मुहूर्त है।
■ सुबह 8 बजकर 4 मिनट से 9 बजकर 4 मिनट तक अमृत चौघड़िया है। भाई दूज पर बहन से टीक लगवाने का दूसरा शुभ मुहूर्त यह है ।
■ सुबह 10 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 05 मिनट तक अमृत चौघड़िया में भी तिलक लगवा सकते हैं।
राहुकाल दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से
■ ज्योतिषाचार्यों की मानें तो भाई दू पर दुर्लभ शोभन योग का निर्माण हो रहा है। यह योग का निर्माण दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा ।
■ राहुकाल दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से 4 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इस दौरान टीका ना करें, तो बेहतर है।