भूपेश बघेल, दर्जनभर विधायक, महापौर और सौ से ज्यादा नेताओं के मामले होंगे वापस
धरना-प्रदर्शन, रैली और सरकार की नीतियों के विरोध आंदोलन करने वाले राजनेताओं को अब कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। राजनीतिक मुकदमों को वापस करने की पहल के बाद रायपुर पुलिस ने 14 राजनेताओं को राहत देने की तैयारी पूरी कर ली है। आंदोलन करने पर महापौर एजाज ढेबर, विधायक विकास उपाध्याय, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक समेत 14 नेताओं के मुकदमें वापस करने की सिफारिश की है।;
रायपुर/बिलासपुर/राजनांदगांव/ रायगढ़/कोरबा. धरना-प्रदर्शन, रैली और सरकार की नीतियों के विरोध आंदोलन करने वाले राजनेताओं को अब कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। राजनीतिक मुकदमों को वापस करने की पहल के बाद रायपुर पुलिस ने 14 राजनेताओं को राहत देने की तैयारी पूरी कर ली है। आंदोलन करने पर महापौर एजाज ढेबर, विधायक विकास उपाध्याय, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक समेत 14 नेताओं के मुकदमें वापस करने की सिफारिश की है।
इनमें 12 कांग्रेस पार्टी के राजनेता हैं, जबकि 2 भाजपा के राजनेता शामिल हैं। इनके मुकदमे वापस करने समिति को रिपोर्ट भेजी गई है। वहीं, भूपेश बघेल पर दर्ज आईटी एक्ट में सबूत नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने कोर्ट में खात्मा पेश किया है। यही नहीं, दर्जनभर और थानों में दर्ज राजनीतिक मामलों पर पुलिस होमवर्क कर रही है, जिसे वापस करने जल्द सिफारिश की जा सकती है। वहीं, राजनांदगांव में विधायक समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ दर्ज राजनीतिक मामलों की फाइल बंद होगी। इधर मुकदमा वापस होने से सभी राजनेता और जनप्रतिनिधि सरकार के फैसले को लेकर बेहद खुश हैं। बिलासपुर में पूर्व महापौरों समेत दर्जनभर नेताओं के मामले वापस लिए जा रहे हैं।
एजाज पर दर्ज 5 केस वापस होंगे
जानकारी के मुताबिक महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ कोतवाली में करीब 6 केस दर्ज हैं, जिनमें अधिकतर मामले धरना-प्रदर्शन व रैली के हैं। आईपीसी की धारा 341 व 147 समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हैं। तीन मामलों में कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है, जबकि दो मामलाें की जांच चल रही है। सभी मामलों को पुलिस समाप्त करेगी।
16 धाराओं में दर्ज केस वापस
जानकारी के मुताबिक राजनीतिक आंदोलन करने को लेकर थानों में दर्ज 16 तरह की धाराओं में केस वापस किए जाएंगे। जिन मामलों में कोर्ट में केस लंबित है, उन मामलों में संबंधित से आवेदन लेकर या फिर पुलिस खुद ही उन मामलों को वापस लेने रिपोर्ट तैयार करेगी और उसे समिति के पास भेजेगी। वहां से मुकदमा वापस लेने का फैसला लिया जाएगा।
कोरबा में पार्षद समेत कई नेताओं को राहत
कोरबा जिले में एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर ब्रेकर व पानी छिड़काव तथा सड़क चौड़ीकरण सहित अन्य मुद्दों को लेकर चक्काजाम आंदोलन किया गया था। इसी तरह कोयला परिवहन रोकने, इमली छापर चौक में चक्का जाम जैसे प्रकरणों में करीब 15 लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज किए गए थे। इस मामले में कांग्रेस नेता पार्षद अमरजीत सिंह, राजा खान, नागेंद्र कुमार विश्वकर्मा, लाल बाबू यादव पार्षद बसंत चंद्रा, कादिर खान ,लच्छीराम कर्ष, पुनेश शर्मा, भानु प्रताप खूटे, मोहम्मद कादिर, राजेंद्र पुरी गोस्वामी,तेज प्रताप सिंह, प्रदीप सिंह, अरविंद, अभिषेक, सुभाष कुमार तिवारी ,वीरेंद्र सिंह, सोनू पांडे ,तनवीर अहमद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सभी के प्रकरण लोकहित में वापस लिए जा रहे हैं इसके अलावा पाली थाना क्षेत्र के एक मामले में 2 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसका निराकरण कोर्ट द्वारा किया जा चुका है।
राजनांदगांव में विधायक छन्नी साहू, भुनेश्वर बघेल जितेंद्र मुदलियार
जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव से विधायक छन्नी साहू, विधायक भुनेश्वर बघेल, जितेंद्र मुदलियार, सुरेंद्र वैष्णव और निखिल द्विवेदी समेत अन्य के खिलाफ थानों में दर्ज राजनीतिक मामलों को वापस लिया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने सिफारिश की है।
17 जनप्रतिनिधियों पर दर्ज हुआ था अपराध
बेरला ब्लॉक के बारगांव में हुए गैंगरेप के अपराधियों को पकड़ने आंदोलन के दौरान पुलिस और कांग्रेसियों के बीच हुई हिंसक झड़प में 17 जनप्रतिनिधियों पर धारा 307 के अलावा दर्जन भर धाराओं के तहत अपराध दर्ज हुआ था। इनमें वर्तमान विधायक आशीष छाबड़ा, जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष गुलजार अली, वर्तमान पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सत्यभामा परघनिया, जिला पंचायत सदस्य चंद्र विजय धीवर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बेरला रामेश्वर देवांगन आदि शामिल थे। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार उक्त सभी जनप्रतिनिधियों पर लगी 307 धारा को छोड़कर सभी धाराएं वापस लेने योग्य है, जिनमें बलवा, शांतिभंग करने व यातायात अवरूद्ध और धारा-144 का उल्लंघन जैसी धाराएं शामिल हैं।
फैसले का स्वागत
गरीबों की बेवजह झोपड़ी तोड़ी जा रही थी। हम लोग वहां विरोध करने गए थे। इसमें कोई अपराध नहीं था, लेकिन मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। अब मुकदमे वापस के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं।
-कुलदीप जुनेजा, विधायक
भूपेश के खिलाफ सबूत नहीं
जानकारी के मुताबिक साल 2013 में कांग्रेस के दिग्गज नेता और वर्तमान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ कोतवाली में आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था, लेकिन जांच में पुलिस को सबूत नहीं मिला, जिससे मामले काे पुलिस ने खात्मा पेश कर दिया। इस केस से हमेशा के लिए उन्हें मुक्ति मिल गई है।
ये मामले भी होंगे वापस
जानकारी के मुताबिक सिविल लाइंस थाने में साल 2015 में विधायक विकास उपाध्याय, साल 2013 में पूर्व महापौर किरणमयी नायक और साल 2018 में विधायक कुलदीप जुनेजा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अब सभी केस समाप्त होंगे। यह सभी मामले राजनीतिक आंदोलन से जुड़े थे जिसमें पुलिस ने उन्हें आरोपी बना दिया था।
बिलासपुर के पूर्व मेयर सहित अन्य के खिलाफ मामले वापस
राज्य सरकार के निर्देश पर राजनीति से प्रेरित मामलों को खत्म करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बिलासपुर के थानों में पूर्व महापौर सहित 12 राजनीतिक नेताओं कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस हो रहे हैं। रायगढ़ जिले में धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया सहित कुछ नेताओं के खिलाफ मामले वापस हो रहे हैं कोरबा में पार्षद सहित अन्य के खिलाफ दर्ज मामले वापस हुए हैं। बिलासपुर में पूर्व महापौर कांग्रेस नेता राजेश पांडे, महेश दुबे, लक्ष्मी यादव अभिषेक तिवारी, अनिमेष राय,सुहेल खलीक, प्रकाशमणि वैष्णो, रंजीत सिंह, देवेंद्र यादव के प्रकरण हैं। इनके खिलाफ 2016 ,17 में धारा 147,186 ,294 506, 34 ,427 मारपीट, धमकी, धरना प्रदर्शन एवं प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज हैं। इसके अलावा भाजपा से जुड़े मनीष अग्रवाल, केतन सिंह, ऋषभ चतुर्वेदी आदि के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। जिला पुलिस ने प्रकरणों की जानकारी राज्य शासन को भेज दी है।
धरमजयगढ़ विधायक का केस वापस होगा
रायगढ़ जिले मे दर्ज पांच बड़े प्रकरणों पर बीते सप्ताह शासन से 20 बिंदुओं पर अभिमत मांगा गया था। कलेक्टर व एसपी के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद उक्त 20 बिंदु का प्रतिवेदन शासन को वापस भेजा गया है। इनमे दो बड़े मामले धरमजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया , व अन्य प्रकरण खरसिया व लैलूंगा के कुछ नेताओं से संबंधित हैं। एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अभिमत के आधार पर आगे की कार्रवाई निर्धारित होगी।
जनता की लड़ाई लड़ी
हम लोग जनता की लड़ाई लड़ते हैं। सड़क पर उतरते हैं। विपक्ष में रहते हुए संघर्ष किया। कई बार पुलिस ने बेवजह हमें आरोपी बना दिया। केस वापस लेना अच्छी पहल है। इससे जनसरोकारों के लिए संघर्ष करने वालों का हौसला बढ़ेगा।
-विकास उपाध्याय, संसदीय सचिव, छत्तीसगढ़
डिटेल इकट्ठी की जा रही
रायपुर जिले से दर्ज करीब 14 राजनीतिक मामलों की रिपोर्ट तैयार कर भेजी गई है। बाकी और मुकदमों की डिटेल इकट्ठी की जा रही है। शासन की नीति के तहत मामले वापस लेने की सिफारिश करेंगे।
- अजय यादव, एसएसपी, रायपुर