रावघाट-रेल परियोजना पर बड़ी खबर : रेल मंत्री से मिले बस्तर के भाजपाई, इसी साल DPR पूरा होगा... दोनों ओर से शुरू होगा काम

बैठक में इन नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर रेलमंत्री से 140 किलोमीटर लंबी रावघाट, जगदलपुर रेलवे लाइन के शीघ्र निर्माण हेतु सहमति देने का आग्रह किया। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-05-05 08:29 GMT

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर को रायपुर रेल से जोड़ने के लिए प्रस्तावित रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना को लेकर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को बस्तर के भाजपा नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में इन नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर रेलमंत्री से 140 किलोमीटर लंबी रावघाट, जगदलपुर रेलवे लाइन के शीघ्र निर्माण हेतु सहमति देने का आग्रह किया।

बैठक में रेलमंत्री ने रावघाट - जगदलपुर रेलवे लाइन के शीघ्र निर्माण के अपनी सहमति प्रदान की और कहा कि इसके लिए जुलाई 2023 तक डीपीआर पूरा कर लिया जाएगा। रेलमंत्री ने कहा कि 140 किमी लंबी रेल लाइन निर्माण के लिए दोनों ओर से निर्माण प्रारम्भ किया जाएगा। रेल मंत्री ने इस प्रोजेक्ट में अलग-अलग चरणों में काम पूरा हो रहा है, कुछ हिस्सों में काम हुआ भी है बाकि बचे सेक्टर्स में भी DPR आने के बाद काम शुरू हो सकेगा।

9 मई को बस्तर महा बंद

दिल्ली में गुरुवार शाम 5 बजे भाजपा नेताओं के साथ बैठक हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर और बस्तर लोकसभा प्रभारी संतोष पांडे शामिल हुए। बस्तर के नेताओं ने रेलमंत्री को बताया कि जगदलपुर रेललाइन की मांग को लेकर रेल संघर्ष समिति नुक्कड सभा का आयोजन कर रही। रेल संघर्ष समिति ने 9 मई को बस्तर महा बंद का ऐलान किया है।

उल्लेखनीय है कि चुनावी साल में रावघाट रेल परियोजना का मामला गर्मा चुका है। साल 1993 से अटकी पड़ी परियोजना के अब पूरा होने की सुगबुगाहट है। इस परियोजना को पूरा करने की मांग लेकर भाजपा के सांसद और नेता ओम माथुर की अगुवाई में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिलने पहुंचे। ज्ञापन सौंपकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की मांग की। रावघाट रेल प्रोजेक्टर प्रदेश के नक्सल इलाकों को रेल कॉरिडोर से जोड़ने की देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।

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चुनावी साल में माहौल गर्म

बस्तर में बहुमत हासिल करने भाजपा इस बात का जोर लगा रही है कि रावघाट जैसे प्रोजेक्ट का फायदा लोगों को मिले। इस चुनावी साल में ये प्रोजेक्ट भाजपा को सत्ता के पाइंट तक पहुंचाने का रास्ता हो सकता है। यही वजह रही कि ओम माथुर ने इस पर फोकस करने के निर्देश स्थानीय नेताओं को दिए हैं।

इस रेल प्रोजेक्ट के लिए 1993 में मिली है सैद्धांतिक स्वीकृति

दल्लीराजहरा-जगदलपुर-रावघाट रेल लाइन निर्माण की मांग कई दशक पुरानी है। इस परियोजना के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति 1993 में योजना आयोग से मिली। 2011 में इस रेल खण्ड का निर्माण प्रारंभ हुआ, इसके बनने से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जिला बस्तर के अंतर्गत नारायणपुर, कोंडागांव एवं जगदलपुर सहित विभिन्न कस्बे सीधे जुड जाएंगे, इससे लाखों लोगों को जगदलपुर से रायपुर आवागमन में मात्र 3 से 4 घंटे लगेंगे। इस रेल खण्ड के निर्माण के अभाव में रायपुर पहुंचने के लिए यात्रियों को वाया विशाखपटनम् या झरसुगुडा होते हुए रायपुर पहुंचने में 15 से 16 घंटे लगते हैं जबकि यही दूरी बस द्वारा 4 से 5 घंटे में पूरी हो जाती है। लंबे अरसे से प्रोजेक्ट अटका होने की वजह से अब राजधानी तक रेल लाइन का सपना जुमला सा लगने लगा है।

वर्ष 1995-96 के बजट में शामिल किया गया था इस प्रोजेक्ट को

दरअसल, पहली बार इस दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को वर्ष 1995-96 के बजट में शामिल किया गया था। इस समय से ही बस्तर के लोग इसके पूरा होने का सपना देख रहे हैं। केंद्र सरकार का दावा है कि दल्लीराजहरा से जगदलपुर तक लंबे रेलमार्ग के लिए 2009 से प्रस्तावित रावघाट रेल लाइन परियोजना के तहत 10 साल में 3 चरण में काम पूरा हो गया है। रावघाट से जगदलपुर तक लगभग 140 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जानी है। दल्लीराजहरा से रावघाट तक 95 किमी रेल लाइन का काम को पूरा कराना पहली प्राथमिकता रखी गई है।

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