ट्रक फर्जीवाड़ा मामले में पड़ताल करने डेढ़ माह बाद बिहार पुलिस पहुंची रायपुर
राजधानी पुलिस ने दो माह पूर्व ट्रक लीज पर लेकर उसका फर्जी दस्तावेज तैयार कर खरीद-बिक्री करने वाले बिहार के एक अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है।;
रायपुर। राजधानी पुलिस ने दो माह पूर्व ट्रक लीज पर लेकर उसका फर्जी दस्तावेज तैयार कर खरीद-बिक्री करने वाले बिहार के एक अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले की पड़ताल करने रविवार को बिहार, मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम रायपुर पहुंची है। मुजफ्फरपुर, सदर पुलिस ट्रक फर्जीवाड़ा मामले में जालसाजों को प्रोटक्शन वारंट में अपने साथ बिहार ले जाने के लिए आई है। बिहार पुलिस की टीम फिलहाल रायपुर में रुक कर स्थानीय पुलिस के माध्यम से पूरे मामले को समझने की कोशिश कर रही है। वहीं बिहार का एक ट्रांसपोर्टर जो अपने बेटे के साथ कनाडा में रहता है, वह भी अपने कथित रूप से चोरी के ट्रेलर के बारे में जानकारी लेने के लिए आया हुआ है।
उल्लेखनीय है कि खमतराई तथा एसीसीयू की टीम ने ट्रक फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड मुजफ्फरपुर निवासी नागेंद्र सिंह तथा सत्येंद्र सिंह सहित 11 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार गिरोेह के सदस्यों में छत्तीसगढ़ के लोग भी शामिल हैं। जालसाज तीन सौ से ज्यादा ट्रकों को ज्यादा भाड़ा देने का लालच देकर लीज में लेते थे। बाद में ट्रक मालिक को ट्रक चोरी होने का बहाना कर ट्रक के चेचिस नंबर सहित नंबर प्लेट बदलकर किसी दूसरे राज्य में खपा देते थे। जालसाजों ने छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में कथित चोरी का ट्रक खपाने का काम किया है। इन जालसाजों ने सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा बिहार के ट्रक मालिकों के साथ किया है।
सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा मुजफ्फरपुर में
पुलिस के अनुसार जालसाजों ने बिहार के मोतिहारी, सीतामढ़ी, वैशली, मुजफ्फरपुर सहित उत्तरप्रदेश, झारखंड के ट्रक मालिकों के ट्रक लीज पर लेकर फर्जीवाड़ा किया है। जालसाजों ने सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा मुजफ्फरपुर के ट्रक मालिकों के साथ किया है। जालसाजों ने मुजफ्फरपुर से करीब सौ ट्रक लीज पर लेकर चोरी होने की बात कह फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे राज्यों में बेचा है। बेटे के साथ कनाडा में रहने वाला ओनर पहुंचा ट्रक फर्जीवाड़ा करने के मामले में नागेंद्र तथा सत्येंद्र की छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद मुजफ्फरपुर के ट्रांसपोर्टर रमेश सिन्हा जो अपने बेटे के साथ कनाडा में रहता है, वह रायपुर पहुंचा। उसने पुलिस को बताया कि नागेंद्र के माध्यम से अपने दो ट्रेलर वाहन सत्येंद्र को लीज पर दिया था। बाद में उसे उसका ट्रेलर चोरी होने की जानकारी दी गई। रमेश सिन्हा ने अपने एक ट्रेलर की पहचान कर ली है, जिसे जालसाजों ने चोरी होना बताया था।
ट्रकों की पहचान करने छूट रहा पसीना
मुजफ्फरपुर पुलिस अपने थाना क्षेत्र में चोरी के ट्रकों का डेटा लेकर रायपुर पहुंची है। मुजफ्फरपुर पुलिस को अपने यहां के चोरी के ट्रकों की पहचान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह ट्रकों का हुलियाबदलने के साथ चेचिस तथा नंबर प्लेट बदलना है। रायपुर पुलिस के मुताबिक मुजफ्फरपुर पुलिस एक सप्ताह तक रुक कर पूरे मामले को समझने के बाद आरोपियों को प्रोटक्शन वारंट में लेकर बिहार जाएगी
पड़ताल करने स्पेशल टीम आ सकती है
स्थानीय पुलिस के मुताबिक मुजफ्फरपुर पुलिस ट्रक चोरी तथा जालसाजी के पूरे मामले को समझने के बाद अपने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट देगी। जरूरत पड़ने पर बिहार पुलिस पूरे मामले की पड़ताल करने अलग से स्पेशल टीम भेज सकती है।