ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाने दौड़ी 'बीजापुर एक्सप्रेस', जिला प्रशासन ने 5 बसें सड़कों पर उतारीं
बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रासशन ने बसों को चलाने का फैसला किया है। इन बसों में किराया भी होगा कम, यह बसें 20 से ज्यादा नक्सल पीड़ित गांवों से भी गुजरेंगी, नक्सल इलाके के ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत। किसकी थी ये पलानिंग, पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर । बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में पैदल सफर करने वाले ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है। जिला प्रशासन ने 5 बसों को बीजापुर की सड़कों पर उतारा है। बसों का नाम 'बीजापुर एक्सप्रेस' रखा गया है। कलेक्टर रितेश अग्रवाल, SP कमलोचन कश्यप व विधायक विक्रम शाह मंडावी ने बसों को हरी झंडी दिखाई और ये सिटी बसें आमजन के लिए अलग-अलग रूटों पर दौड़ पड़ीं।
प्राइवेट बसों से किराया कम रहेगा
पहले दिन अधिकारियों ने खुद बस में बैठ कर इसका निरीक्षण किया। इन बसों का किराया प्राइवेट बसों की तुलना से थोड़ा कम होगा। कलेक्टर ने कहा कि, इन बसों के अलग-अलग रूटों पर चलने से जिले के अंदरुनी इलाकों के ग्रामीणों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। साथ ही उनका पास भी बनाया जाएगा।
नक्सल प्रभावित गांवों से भी गुजरेंगी बसें
बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके सिलगेर, आवापल्ली, बेचापाल, मिरतुर, भैरमगढ़, नैमेड़, तारलागुड़ा व भोपालपटनम रूट पर बसें दौड़ेंगी। इनमें से कई इलाके ऐसे भी हैं जहां नक्सल दहशत की वजह से कोई भी वाहन नहीं चलते हैं, ऐसे में प्रशासन ने बसों को सड़कों पर उतार कर ग्रामीणों को बड़ी राहत दी गई है। अब ग्रामीण ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक सीधे जुड़ पाएंगे।