हाथों में गोबर लेकर भाजपा किसान मोर्चा का पैदल मार्च : कहा- किसानों को घटिया क्वालिटी की खाद दे रही सहकारी समिति, वर्मी कम्पोस्ट की बाध्यता हो खत्म
भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सहकारी समिति के अफसरों पर घटिया क्वालिटी की खाद देने का आरोप लगाया है। पदाधिकारियों ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के नाम से गोबर मिट्टी के मिश्रण को दिया जा रहा है, जिसका वजन 30 किलो बताया जा रहा है, जिसे तौलने पर 23 किलो निकला और गिला भी है। पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर। राजधानी रायपुर में भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सोमवार को हाथों में गोबर लेकर पैदल मार्च करते हुए जोरा स्थित सहकारी समिति के दफ्तर का घेराव किया। साथ ही समिति दफ्तर के बाहर जमकर नारेबाजी की। किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सहकारी समिति के अफसरों पर घटिया क्वालिटी की खाद देने का आरोप लगाया है। पदाधिकारियों ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के नाम से गोबर मिट्टी के मिश्रण को दिया जा रहा है, जिसका वजन 30 किलो बताया जा रहा है, जिसे तौलने पर 23 किलो निकला और गिला भी है। इस पर किसान मोर्चा ने वर्मी कंपोस्ट खाद सोसाइटी व गौठान से खरीदने की बाध्यता वाले कानून को वापस लेने की मांग की है।
किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने समिति के अफसरों पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों को घटिया क्वालिटी की खाद दी जा रही है। इससे सीधा असर किसान की आमदनी पर पड़ रहा है। भाजपा नेताओं ने एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिस पर कार्यवाही ना हुई तो आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में किसान विरोधी नीतियां चलाई जा रही है। प्रदेश में किसान अपने विभिन्न समस्याओं को लेकर परेशान है। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों को यूरिया खाद 625 रुपए प्रति क्विंटल उपलब्ध करा रही है। वहीं प्रदेश में किसानों को अमानक और घटिया खाद रेत, मिट्टी मिला गोबर लेने के लिए प्रति एकड़ 3 बोरी (90किलो) 1000 रुपए क्विंटल में लेने के लिए बाध्यता कर किसानों को लूटने का काम हो रहा है।
भाजपा किसान मोर्चा की मांग
प्रदेश के सभी किसानों को प्रति एकड़ 3 बोरी गोबर खाद खरीदी की बाध्यता समाप्त कर किसानों को एच्छिक रूप से वर्मी कंपोस्ट खरीदने की छूट, साथ ही वर्मी कंपोस्ट मानक हो एवं रेत व मिट्टी मिला हुआ न हो। राजीव गांधी न्याय योजना के अंतिम किस्त की राशि में 30 से 50 प्रतिशत तक की कटौती करते हुए करीब 470 करोड़ की राशि किसानों को कम जारी की गई है। इस अंतर की राशि को तत्काल किसानों को जारी किया जाए। देखिए वीडियो-