स्कूल से हटाया आंबेडकर का नाम भाजपाइयों ने किया विरोध-प्रदर्शन

भाजपा द्वारा स्कूल से डॉ भीमराव अंबेडकर का नाम हटाए जाने का विरोध किया गया। धरना देने पहुंचे भाजपाईयों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सारी अच्छी सुविधाएं अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को दिया जा रहा है। वहीं हिंदी माध्यम के बच्चों को सुविधाएं नहीं दी जा रही है। इसके अलावा हिंदी माध्यम स्कूल के लिए बन रहे भवन को भी आत्मानंद स्कूल को दिया जा रहा है। जिसके चलते हिंदी माध्यम के बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा है। साथ ही हिंदी माध्यम के बच्चें अच्छी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। पढ़िए पूरी ख़बर...;

Update: 2021-12-11 10:43 GMT

महासमुंद: भाजपा द्वारा स्कूल से डॉ भीमराव अंबेडकर का नाम हटाए जाने का विरोध किया गया। नयापारा वार्ड क्रमांक 07 तुमगांव रोड में पानी टंकी के पास वर्षों से शासकीय अंबेडकर स्कूल नयापारा के नाम से प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला संचालित है। वर्तमान में उसे आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में परिवर्तित किया गया है। साथ ही वहां हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों की कक्षाएं संचालित है। लेकिन स्कूल में लगे डॉ अंबेडकर के नाम के बोर्ड को हटा दिया गया है। उसके स्थान पर आत्मानंद स्कूल का बोर्ड लगाया गया है। जिसके विरोध में शुक्रवार को भाजपा शहर मण्डल द्वारा स्कूल के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। उनकी मांग थी कि डॉ अंबेडकर के नाम के बोर्ड को वापस लगाया जाए।

स्कूल के सामने प्रदर्शन करने भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता के अलावा आसपास के लोग भी शामिल हुए। इस दौरान भाजपाइयों ने राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक व पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा ने कहा कि भारतरत्न भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से संचालित स्कूल का नाम परिवर्तित किया जाना, डॉ भीमराव अंबेडकर के व्यक्तित्व, राष्ट्रहित में योगदान और उनकी स्मृति से खिलवाड़ है। साथ ही उन्होंने बताया कि वर्षों से संचालित इस स्कूल के लिए नए भवन का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन उस नए भवन को भी आत्मानंद स्कूल को दिया जा रहा है। जिसके कारण हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा है। एक घंटे तक स्कूल के सामने धरना देने के बाद वे लोग कलेक्टोरेट पहुंचे। अपनी मांग से डीईओ और कलेक्टर को अवगत कराया। साथ ही राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक व पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा तथा अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

पहुंचे डीईओ, कलेक्टोरेट घेराव

स्कूल के सामने एक घंटे से ज्यादा समय तक प्रदर्शन करने के बावजूद डीईओ वहां नहीं आए। इस दौरान तहसीलदार और एबीईओ धरनास्थल पर पहुंचे। लेकिन भाजपाई डीईओ को बुलाने की मांग करने लगे। डीईओ के नहीं आने के कारण भाजपाईयों ने कलेक्टोरेट घेराव करने पहुंच गए। कलेक्टोरेट के गेट में पहुंचकर शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कलेक्टर और डीईओ के द्वारा आश्वासन के बाद ज्ञापन सौंपकर आंदोलन को समाप्त किया।

भेदभाव का लगाया आरोप

धरना देने पहुंचे भाजपाईयों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सारी अच्छी सुविधाएं अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को दिया जा रहा है। वहीं हिंदी माध्यम के बच्चों को सुविधाएं नहीं दी जा रही है। इसके अलावा हिंदी माध्यम स्कूल के लिए बन रहे भवन को भी आत्मानंद स्कूल को दिया जा रहा है। जिसके चलते हिंदी माध्यम के बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा है। साथ ही हिंदी माध्यम के बच्चें अच्छी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।

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