रात के अंधेरे में काला कारोबार : छापा पड़ा तो 2 करोड़ का नकली गुटखा मिला, फैक्ट्री का गेट अंदर से बंद कर मजदूरों से कराते थे काम

खाद्य विभाग ने केसर युक्त सितार और नकली माणिकचंद बनाने वाली कंपनी में छापा मारा है। इस कार्रवाई में करीब 2 करोड़ रुपए का माल जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री से रोज 40 लाख का गुटखा सप्लाई होता था और फैक्ट्री को ताला लगाकर लेबरों से काम कराया जाता था। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-05-31 07:44 GMT

डागेश यादव/आरंग। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप स्थित मंदिर हसौद के एक गुटखा बनाने की फैक्ट्री में खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने केसर युक्त सितार और नकली माणिकचंद बनाने वाली कंपनी में छापा मारा है। इस कार्रवाई में करीब 2 करोड़ रुपए का माल जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री से रोज 40 लाख का गुटखा सप्लाई होता था और फैक्ट्री को ताला लगाकर लेबरों से काम कराया जाता था।

बता दें कि, खाद्य एवं औषधीय प्रशासन के एसीएस आरके शुक्ला के नेतृत्व में 8 फूड सेफ्टी ऑफिसर की टीम ने मंदिर हसौद थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में ये छापा मारा। यहां टीम ने रात करीब 12 बजे दबिश दी और रात करीब 3-4 बजे तक यहां कार्रवाई जारी रही। साथ ही फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। देखिए वीडियो- 

नकली माणिकचंद गुटखा जब्त

अधिकारियों के मुताबिक, यहां बड़ी मात्रा में सैकड़ों बंडल जर्दा युक्त गुटखा और उसे बनाने वाला सामान, सुपारी और पाउच जब्त किए गए हैं। इसे बनाने के लिए यहां रखी गई 23 मशीनों को भी अधिकारियों ने जब्त कर लिया है। अधिकारियों को ऐसा अनुमान है कि यहां लंबे समय से नकली गुटखा बनाने का काम चल रहा था। जब्त किए गए अवैध गुटका में 350 बोरी केसर युक्त सितार गुटखा, पांच बड़ी पेटियों में नकली माणिकचंद गुटखा जब्त किया गया है।

रोज सप्लाई होता था 35-40 लाख का गुटखा

अधिकारियों ने बताया कि, फैक्ट्री में करीब 40 मजदूर काम करते हुए मिले हैं। ये सभी मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले हैं। उनसे पूछताछ में पता चला है कि रोजाना करीब 300-400 बोरा माल वे बनाकर सप्लाई करते थे। प्रति बोरे में जाने वाला गुटखा करीब 10 हजार रुपए को होता था। मजदूरों ने अधिकारियों को बताया कि वे रात 10 बजे के बाद काम शुरू करते थे और सुबह में ये फैक्ट्री बंद रहती थी और यहां से गुटखा सप्लाई का काम सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच ही होता था। खाद्य विभाग की ओर से जीएसटी विभाग को सूचना दी गई है कि GST चोरी करने का पक्का सबूत प्राप्त हुआ है। आगे कार्रवाई करने के लिए सूचना दी गई है। 

खाद्य सुरक्षा विभाग के दल रहे मौजूद

केडी कुंजाम नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के आदेश अनुसार, डॉ. राजेश कुमार शुक्ला उपायुक्त खाद्य और देवेंद्र पटेल अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के निर्देश में कार्रवाई में शामिल एफएसओ साधना चंद्राकर (एरिया ऑफिसर), एहसान तिग्गा, सिद्धार्थ पांडे, सर्वेश यादव, संतोष ध्रूव, राखि ठाकुर और नमूना सहायक राकेश गिदोडे समेत अन्य मौजूद थे। 

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छापामार कार्रवाई करने वाली टीम

किसकी है ये फैक्ट्री? कौन है इसका मालिक?

बताया जा रहा है कि ये फैक्ट्री दुर्ग के किसी गुरमुख जुमनानी नाम के व्यक्ति की है। हैरानी की बात ये हैं कि यहां टीम को एक वसीम खान नाम का सुपरवाइजर भी इन्हें मिला। इतना ही नहीं इन मजदूरों को फैक्ट्री में अंदर बंद करके ये पूरा काम कराया जाता था और ये वहां से सुबह के वक्त भी बाहर नहीं निकलते थे। टीम जब छापा मारने पहुंची तब लेबर गेट के अंदर बंद थे और पुलिस के आने के बाद ताला तोड़कर टीम छापा मारने के लिए अंदर पहुंची। यहां से सीजी 07 सीएल 9474 नंबर की एक स्वराज माजदा भी मिली है, जिससे माल सप्लाई किया जाता था।

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