ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या शतक पार, आईसीयू में भर्ती हुए कोरोना संक्रमितों की स्क्रीनिंग की तैयारी

कोरोना के इलाज के दौरान ब्लैक फंगस का शिकार होने वालों की संख्या शतक पार कर चुकी है। ऐसे मरीजों की जानकारी और समय पर उपचार के लिए आईसीयू में भर्ती किए गए संक्रमितों की स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। केवल रायपुर जिले में ऐसे करीब दो हजार लोगों की सूची तैयार की गई है और उनसे स्वास्थ्य संबंधी पूछताछ के लिए 12 सदस्यों की टीम बनाई गई है।;

Update: 2021-05-22 05:14 GMT

रायपुर. कोरोना के इलाज के दौरान ब्लैक फंगस का शिकार होने वालों की संख्या शतक पार कर चुकी है। ऐसे मरीजों की जानकारी और समय पर उपचार के लिए आईसीयू में भर्ती किए गए संक्रमितों की स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। केवल रायपुर जिले में ऐसे करीब दो हजार लोगों की सूची तैयार की गई है और उनसे स्वास्थ्य संबंधी पूछताछ के लिए 12 सदस्यों की टीम बनाई गई है।

कोरोना संक्रमित होने के बाद आईसीयू में इलाज के दौरान स्टेरॉयड के अत्यधिक उपयोग से अनियंत्रित शुगर वालों को होने वाले म्यूकर माइकोसिस को छत्तीसगढ़ में फिलहाल महामारी घोषित नहीं किया गया है, मगर इसकी प्रक्रिया जारी है। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 102 हो चुकी है, जो अभी और बढ़ने की संभावना है। इसकी रोकथाम के लिए विभिन्न तरह के उपाय किए जा रहे है। इसी संबंध में फंगस का शिकार होने वालों की पहचान के लिए लक्षण दिखने पर ही पोस्ट कोविड ओपीडी तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में कोरोना संक्रमित होने के दौरान आईसीयू तक पहुंचने वाले हाई शुगर के मरीजों से जानकारी जुटाने की योजना बनाई जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक इस पर रायपुर जिले में काम शुरू हो गया है। रायपुर जिले में स्क्रीनिंग के लिए 12 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है और उनसे आईसीयू से ठीक होकर लौटे कोरोना मरीजों से पूछे जाने वाले सवाल उपलब्ध कराए गए है। जल्द ही टीम ऐसे लोगों को कॉल कर जानकारी लेगी और किसी में इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें पोस्ट कोविड ओपीडी में जाकर आवश्यक चिकित्सा लेने की सलाह दी जाएगी। इसके लिए सभी मेडिकल काॅलेजों के साथ जिला अस्पतालों में भी पोस्ट कोविड ओपीडी की शुरुआत करने की तैयारी है।

अब तक 25 का ऑपरेशन

ब्लैक फंगस की शिकायत के बाद एम्स पहुंचे करीब 25 लोगों की सर्जरी की जा चुकी है, जिनमें कुछ मरीजों की एक आंख तथा एक मरीज के दिमाग तक फंगस पहुंच चुका था। एम्स के अलावा आंबेडकर अस्पताल में 6 तथा कुछ निजी अस्पतालों में इस तरह की शिकायत लेकर आने वालों का इलाज चल रहा है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल काॅलेजों में इसके इलाज की सुविधा दी गई है और जल्दी ही इसे आयुष्मान योजना में शामिल करने की तैयारी की जा रही है।

ब्लैक फंगस से दो की मौत

ब्लैक फंगस की वजह से राजधानी के निजी अस्पताल में दो महिलाओं की मौत हो गई। 56 वर्षीय महिला भिलाई नेहरूनगर की निवासी बताई जा रही है। 20 दिन पहले कोरोना के इलाज के दौरान उसे अस्पताल लाया गया, जहां वेंटिलेटर पर होने के दौरान उसे ब्लैक फंगस के आक्रमण का पता चला था। वहीं एक महिला की एम्स में मौत हो गई, कुछ दिन पूर्व ही संक्रमण के चलते उसके मस्तिष्क का आपरेशन किया गया था। गुरुवार देर रात उसकी मौत हो गई। इसके पूर्व भिलाई के सेक्टर 9 में एक मौत की पुष्टि हुई थी, वहीं दो अन्य की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट और कोरोना को माना गया था।

जिले में होगी स्क्रीनिंग

आईसीयू में इलाज करा चुके 2000 लोगों की तलाश की गई। उनसे कोविड संक्रमण से मुक्त होने के बाद शारीरिक परेशानी के बारे में पूछा जाएगा। आ‌वश्यकता होने पर उन्हें पोस्ट कोविड ओपीडी में बुलाया जाएगा।

- डाॅ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर

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