एनजीओ नहीं एससीईआरटी तैयार करेगा प्रौढ़ शिक्षा के लिए किताब, दिए जाते थे एक करोड़
रायपुर: राज्य में प्रौढ़ शिक्षा के लिए किताबें अब एनजीओ नहीं, बल्कि एससीईआरटी तैयार करेगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में इसके लिए विशेष सेल बनाया गया है।;
रायपुर: राज्य में प्रौढ़ शिक्षा के लिए किताबें अब एनजीओ नहीं, बल्कि एससीईआरटी तैयार करेगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में इसके लिए विशेष सेल बनाया गया है। यह सेल ही अध्ययन सामग्री का चयन करेगी। एनसीआरटी द्वारा प्रौढ़ शिक्षा के लिए तैयार किताब के सिर्फ 30 फीसदी हिस्सों में ही बदलाव का अधिकारी एससीईआरटी होगा। इसमें वे राज्य से जुड़ी जानकारियां और परिवेश आधारित तथ्य शामिल कर सकेंगे। उन अध्ययन सामग्री को जगह दी जाएगी, जिसके माध्यम से प्रौढ़ जल्द चीजें सीख सकें।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अंतर्गत केंद्र से मिलने वाले फंड में पहले ही कटौती की जा चुकी है। किताबों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। ऐसे में ये किताबें एप पर उपलब्ध रहेंगी। एससीईआरटी द्वारा किताऐं तैयार किए जाने के कारण एनजीओ को दिए जाने वाले फंड की राशि भी अब नहीं देनी होगी। अब तक स्टेट रिसोर्स सेंटर को एक करोड़ रुपए अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए दिए जाते थे, जबकि एससीईआरटी की स्पेशल सेल को सिर्फ 30 लाख रुपए ही दिए जाएंगे।
स्कूलों में ही खोले जाएंगे चेतना केंद्र
प्रौढ़ों को शिक्षा प्रदान करने के लिए 2023 से स्कूलों में ही चेतना केंद्र खोले जाएंगे। अब तक पंचायत भवन, सामुदायिक भवन सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों में भी साक्षरता प्रदान करने के लिए केंद्र बनाए जाते थे। स्कूलों में नियमित विद्यार्थियों की कक्षाएं समाप्त होने के बाद प्रौढ़ों की कक्षाएं लगेंगी। सभी स्कूलों में चेतना केंद्र संचालित नहीं होंगे। इसके लिए शासकीय स्कूलों को सुविधा के आधार पर चिन्हांकित किया जाएगा। वहीं अध्यापन कार्य के लिए स्वसेवी शिक्षकों की मदद ली जाएगी। उन्हें किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया जाएगा। प्रौढ़ों को पढ़ाने में दिलचस्पी रखने वाले किसी भी क्षेत्र के लोग इसमें शामिल हो सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत ये बदलाव किए जा रहे हैं।
छग के परिप्रेक्ष्य में सामग्री
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने प्रौढ़ शिक्षा के लिए उजास नामक किताब तैयार की है। इसमें छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में चीजों को जोड़ा-घटाया जाएगा। यह कार्य एससीईआरटी करेगा।