पद्मश्री डॉ. बारले का अभिनंदन समारोह: कहा "मेरा यह सम्मान पंथी नृत्य, सतनाम समाज और बाबा गुरु घासीदास जी का सम्मान है"
भिलाई दौरे पे गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले के अभिनंदन समारोह में पहुंचे थे। जहाँ पंथी नृत्य कला का प्रदर्शन किया गया। CM बघेल ने कहा- पंथी नृत्य ने छत्तीसगढ़ संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई, मुख्यमंत्री ने सभी पंथी दलों को 25 हजार देने की घोषणा भी की। पढ़िए पूरी खबर।;
भिलाई: डॉ. राधेश्याम बारले को हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। इसी के बाद मुख्यमंत्री गुरुवार शाम पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले के अभिनंदन समारोह में पहुंचे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पंथी नृत्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी है। चाहे पंथी हो या पंडवानी हो। छत्तीसगढ़ की सुंदर सांस्कृतिक परंपरा रही है और इस सांस्कृतिक परंपरा पर हमें गर्व है।
डॉ. बारले ने कहा, "मेरा यह सम्मान पंथी नृत्य का सम्मान है। सतनाम समाज का सम्मान है। बाबा गुरु घासीदास जी का सम्मान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विशेष मार्गदर्शन इस संबंध में रहा है। 1988 में उन्होंने पंथी नृत्य में मेरी दिलचस्पी और मेरी कला को देखकर आकाशवाणी में मेरे लिए अनुशंसा पत्र लिखा था। इसके बाद आकाशवाणी में मेरे कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई और इसके माध्यम से मेरी कला का रास्ता खुला।"
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, मैं डॉक्टर बारले एवं उनके परिजनों तथा पंथी कलाकारों से मिलकर एवं उनके सुंदर पंथी नृत्य को देखकर बहुत उल्लासित हुआ हूं। आप सभी ने बहुत आकर्षक सुंदर पंथी नृत्य प्रस्तुत की है। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, प्रदेशभर से आई पंथी नृत्य की टोलियों ने बहुत सुंदर प्रदर्शन किया है। पंथी नृत्य की इस कला के लिए डॉक्टर बारले को पद्मश्री दिए जाने से पूरा छत्तीसगढ़ गौरान्वित हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से आए प्रत्येक पंथी दल को 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने पंथी दलों को कहा वह इसी तरह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को बनाकर रखें।