CG CRIME : महादेव एप के बाद अदाणी - अंबानी के नाम पर सट्टा, हर महीने करोड़ों का अवैध कारोबार
प्रदेश में जिन मोबाइल एप के नाम से ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है, उनमें गजानंद एप, लायन एप, टाइगर बुक, अंबानी बुक और फिर अदाणी के नाम से एप बनाकर साइबर ठगों ने वारदात को अंजाम दिया है। अब पुलिस इस तरह के लगभग 12 एप को बैन करने की तैयारी में है। पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर। प्रदेश में ऑनलाइन सट्टा (online betting)के नाम पर तमाम तरह के एप मौजूद हैं, इसी बीच महादेव एप (Mahadev app) पर भी पुलिस (police) ने लगाम कसी है। अब दर्जनों एप ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। महादेव एप पर लगाम लगाए जाने के बाद अंबानी और अदाणी ग्रुप(Ambani and Adani groups) तक के नाम पर मोबाइल एप बनाया गया है। ऐसे ही नामचीन नामों से नए एप शुरू हो गए हैं। लोग नाम देखकर फंस भी रहे हैं। जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले में साइबर क्राइम (cyber crime)की जांच के मामलों में पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा से जुड़े मोबाइल एप के बारे में छानबीन शुरू की है। इसी दौरान महादेव सट्टा एप के बाद दर्जनभर मोबाइल एप(mobile apps) के बारे में पता चला है, जिसके बाद उसे बैन करने के लिए लिए रायपुर पुलिस ने तैयारी शुरू की है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में जिन मोबाइल एप के नाम से ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है, उनमें गजानंद एप, लायन एप, टाइगर बुक, अंबानी बुक और फिर अदाणी के नाम से एप बनाकर साइबर ठगों ने वारदात को अंजाम दिया है। अब पुलिस इस तरह के लगभग 12 एप को बैन करने की तैयारी में है। सायबर सेल प्रभारी गिरीश तिवारी के मुताबिक संदिग्ध एप के बारे में जानकारी मिलने के बाद उनकी छानबीन शुरू की है। ट्रांजेक्शन के आधार पर एप को बैन करने के लिए पत्र व्यवहार किया जा रहा है।
महीने में करोड़ों का कारोबार
महादेव एप के बाद जितने एप से ऑनलाइन सट्टा का कारोबार किया जा रहा है, हर दिन दस लाख रुपये से ज्यादा का कारोबार का अनुमान है। रायपुर जिले से ही बड़ी रकम वसूल करने के बाद बुकी हर महीने मोटी रकम कमाने के लिए दांव लगाने में जुटे हुए हैं। महादेव एप के अलावा कई तरह के एप ऐसे हैं, जो गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है, जहां से डाउनलोड करने के बाद ऑनलाइन सट्टा के कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है।
क्रिकेट के अलावा लूडो का क्रेज
कारोबार में अब क्रिकेट के साथ लूडो ऑनलाइन सट्टा गेम का क्रेज बढ़ा है। ऑनलाइन सट्टा एप के जरिए युवाओं को जुआ कारोबार से जोड़ने के लिए सिस्टम तैयार है, इसमें लिंक में जाने के साथ ही ज्यादातर युवा ऑनलाइन सट्टा हैं। पुलिस भी अब ऑनलाइन सट्टा कारोबार के मामले में पड़ताल करने में जुट गई है। ऑनलाइन एप की जांच के मामले में करीब 20 मोबाइल एप्लिकेशन को जांच की सूची में शामिल कारोबार से जुड़ रहे किया गया है।
संदिग्ध एप की पड़ताल
सायबर सेल प्रभारी गिरीश तिवारी ने बताया कि, ऑनलाइन सट्टा कारोबार के मामले में संदिग्ध एप की पड़ताल कर रहे है। अभी 10 से 12 मोबाइल एप के बारे में पता चला है, जिसकी छानबीन करने कर रहे है।