CG Election : पहली बार भाजपा संगठन ने कई पदाधिकारियों को चुनावी समर में झोंका

छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए भाजपा का राष्ट्रीय संगठन बहुत ज्यादा ही गंभीर है। यही वजह है कि यहां पर चुनाव की कमान संभालने का काम खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया है। उनके चुनाव की कमान संभालने के बाद यहां पर बड़े चौंकाने वाले फैसले हुए हैं। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-10-30 05:36 GMT

राजकुमार ग्वालानी - रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh assembly elections)में भाजपा (BJP)हर हाल में इस बार जीत प्राप्त करके सत्ता में वापसी करना चाहती है। यही वजह है कि इस बार जीत दिलाने वाले प्रत्याशी (candidates)मैदान में उतारे गए हैं। इतिहास में पहली बार प्रदेश संगठन के कई बड़े पदाधिकारियों को भी चुनावी समर में झोंका गया है। प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़ना नया नहीं है, लेकिन एक साथ तीन महामंत्रियों के साथ तीन उपाध्यक्ष और प्रदेश के मंत्री भी मैदान में उतारे गए हैं। इसी के साथ कुछ जिलाध्यक्ष, मोर्चा के पदाधिकारी और कई प्रवक्ताओं को भी कमल खिलाने का जिम्मा दिया गया है। यही नहीं पूर्व पदाधिकारियों को भी टिकट देकर मैदान में उतारा गया है।

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छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए भाजपा का राष्ट्रीय संगठन बहुत ज्यादा ही गंभीर है। यही वजह है कि यहां पर चुनाव की कमान संभालने का काम खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया है। उनके चुनाव की कमान संभालने के बाद यहां पर बड़े चौंकाने वाले फैसले हुए हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि भाजपा कोई भी गलती किए बिना इस बार चुनाव जीतना चाहती है। इसके लिए जहां राष्ट्रीय स्तर पर तीन सर्वे हुए, वहीं अमित शाह की टीम ने भी अलग से सर्वे किया। इसके बाद ही टिकट बांटे गए। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि प्रदेश के संगठन के पदाधिकारियों को चुनावी मैदान में उतारना संगठन के लिए फायदेमंद रहेगा। यही वजह कि थोक में इस बार संगठन के पदाधिकारियों को टिकट दिया गया है।

3 पूर्व अध्यक्ष भी मैदान में

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी को अंतागढ़, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय को कुनकुरी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक को बिल्हा, पूर्व उपाध्यक्ष और संभाग प्रभारी किरण देव को जगदलपुर, किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल को मनेंद्रगढ़ से मैदान में उतारा गया है। इसी के साथ एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी को कोडागांव से टिकट दिया गया है।

थोक में प्रवक्ता भी मैदान में

शिवरतन शर्मा भाटापारा के विधायक होने के साथ उपाध्यक्ष भी हैं। प्रदेश पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष भरत वर्मा को भी टिकट दिया गया है। थोक में प्रवक्ता भी हैं जिनको टिकट दिया गया है, हालांकि इसमें विधायक ज्यादा हैं। इनमें प्रमुख नाम प्रदेश प्रवक्ता और आरोप पत्र समिति के संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अजय चंद्राकर, रंजना साहू, राजेश मूणत, कृष्णमूर्ति बांधी के साथ ही देवलाल ठाकुर शामिल हैं जिनको चुनावी मैदान में उतारा गया है।

जिला अध्यक्षों पर भी दांव

कुछ जिलों के अध्यक्षों पर भी दांव खेला गया है। इसमें बलौदाबाजार से रायपुर ग्रामीण के अध्यक्ष टंकराम वर्मा को मैदान में उतारा गया है। इसी के साथ महासमुंद से जिला अध्यक्ष योगेश्वर सिंहा, जैजैपुर के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्र, पामगढ़ के अजा के जिला अध्यक्ष संतोष लहरे, प्रतापपुर की महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष शकुंतला सिंह पोर्ते, पडरिया से महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री भावना बोहरा को भी मैदान में उतारा गया है।

दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष मैदान में

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर सांसद अरुण साव को लोरमी से टिकट दिया गय है। इसके पहले पिछले चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि तब वे विधायक थे, ऐसे में उनका टिकट पक्का था, लेकिन वे विधायक के साथ प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए चुनाव लड़े  जिस तरह से अब अरुण साव सांसद रहते हुए चुनाव लड़ रहे।

तीन महामंत्री- तीन उपाध्यक्ष मैदान में

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के साथ  तीनों महामंत्री केदार कश्यप को नारायणपुर, विजय शर्मा को कवर्धा और ओपी चौधरी को रायगढ़ से टिकट दिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब संगठन के तीनों महामंत्री चुनाव लड़  रहे। इसी के साथ प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा  से मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा तीन उपाध्यक्षों सरला | कोसरिया पर सरायपाली, उधेश्वरी पैकरा पर सामरी और लखन देवांगन पर कोरबा से दाव खेला गया है।

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