CG Election : पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी का छलका दर्द, कहा- षड्यंत्र, कुचक्र और अफवाहों के चलते मिली थी हार

पूरे नब्बे विधानसभा में राजनीतिक कुचक्र कथा, षडयंत्र गाथा, दुष्प्रचार व अफवाहों का गरम बाजार यदि देखना व सुनना है तो उसका सबसे बड़ा नमूना कुरूद विधान सभा क्षेत्र है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-10-25 07:49 GMT

यशवंत गंजीर-कुरूद। छत्तीसगढ़ के कुरूद विधानसभा क्षेत्र के लिए भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने के पहले भी और अब बाद में भी दोनो पक्ष के नेताओं द्वारा एक दूसरे पर अनेक आरोप लगाये जा रहे हैं। पिछले चुनाव में नीलम चंद्राकर द्वारा कांग्रेस की टिकट बिकने व अजय चंद्राकर का मुकाबला एक डमी कैंडिटेट से होने के कारण चुनाव जीत जाने की बातें कही गई थी। वहीं भाजपा द्वारा पिछले चुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त हुई थी, इस बार भी कराएंगे जैसी बातें हो रही हैं। जिस पर अब कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी रहीं लक्ष्मीकांता हेमंत साहू का दर्द छलका है।

श्रीमती साहू ने उक्त दोनो के बयानबाजी पर कहा है कि, पिछले चुनाव में 7 विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे, किसी को सिर्फ 15,000 हजार वोट तो किसी को 17,000 हजार व 20,000 हजार मतों से संतोष करना पड़ा। मैं कुरूद विधान सभा से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी थी। मुझे 26,640 मत प्राप्त हुआ। जमानत के सम्मान हेतु 300 मतों की दरकार थी। किन्तु ऐसा क्यों हुआ? इस परिणाम से सभी अवगत हैं। पूरे नब्बे विधानसभा में राजनीतिक कुचक्र कथा, षडयंत्र गाथा, दुष्प्रचार व अफवाहों का गरम बाजार यदि देखना व सुनना है तो उसका सबसे बड़ा नमूना कुरूद विधान सभा क्षेत्र है।

किसी के घाव को कुरेदना खुद के लिए नासूर न बन जाये

हेमंत साहू ने कहा है कि, यहां सच को झूठ व नायक को खलनायक बना दिया जाता है तो खलनायक को नायक। चुनाव में हार-जीत सिक्के के दो पहलू हैं। इतिहास गवाह है यहां तो कई मुख्यमंत्री तक को हार का सामना करना पड़ा। एक मुख्यमंत्री का चुनाव परिणाम तो तीसरे नंबर पर आया। यहां तक प्रधानमंत्री के दावेदार को भी हार का सामना करना पड़ा है। तो फिर नए प्रत्याशी विधायक व मंत्री की क्या कहें। ऐसा न हो कि कहीं, बार-बार किसी के घाव को कुरेदना खुद के लिए नासूर बन जाए। उन्होंने मुद्दों पर चुनाव लड़ स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना में अपनी आहुति देनी की बात कही है।

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