CG Election : पक्की सड़क के लिए तरसते ग्रामीण...चुनाव आते ही नेताजी को याद आती है...फिर भूल जाते हैं गांव का विकास...
पांच सालों में विकास की गंगा बहाने के तमाम दावे जनप्रतिनिधियों की तरफ से किये जा रहे हैं। लेकिन इन विकास के दावों की पोल उस वक्त खुल गई...जब...पढ़िए पूरी खबर;
मनेन्द्रगढ़/रविकांत सिंह राजपूत- भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में बीते पांच सालों में विकास की गंगा बहाने के तमाम दावे जनप्रतिनिधियों की तरफ से किये जा रहे हैं। लेकिन इन विकास के दावों की पोल उस वक्त खुल गई, जब चुनाव के वक्त प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी और उनके समर्थक कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड के भरतपुर सोनहत विधानसभा वोटि के लिए पहुंच रहे, जहां उन्हें ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जबकि गांव में ग्रामीण मतदाताओं की लंबे अरसे से सिर्फ एक ही विकास कार्य की मुख्य मांग रही है। वह है मुख्य मार्ग से गांव तक पक्की सड़क का निर्माण कराना, वो भी अब तक पूरी नहीं हो पाई...
गांव की तकदीर नहीं बदली...
छत्तीसगढ़ राज्य बनने से लेकर अब तक हुए चुनाव में उनकी यह मांग सिर्फ मांग में ही तब्दील हुई है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बदलते हैं, लेकिन गांव की तकदीर नहीं बदलती, जिससे वहां के ग्रामीण हर बार दूसरे प्रत्याशी को समर्थन दे कर केवल उम्मीद के सहारे ही वोट देते हैं। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि तो दूर, जिला प्रशासन भी उन तक नही पहुंच सका।
कच्ची सड़क को पार करना पड़ता है...
हम बात कर रहे हैं कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 6 से 10 किलोमीटर दूर बसे गांव भलुवा, रजपुरी और परिहत की जो मुख्य मार्ग से लगभग 10 किलोमीटर में बसे हैं, जहां तक मुख्य मार्ग से पहुंचने के लिए कच्ची सड़क से होकर बड़ी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। बारिश के दिनों में तो भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। राहगीरों को बड़ी मशक्कत से रोड में गिरते पड़ते मुख्यालय तक पहुंचते हैं। कई बार राहगीरों को गंभीर चोट भी आई है। स्वास्थ्य सुविधा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनहत का सहारा है। एम्बुलेंस इस गांव तक नहीं पहुंच पाती, मुख्य मार्ग तक ही आती और जाती है। बाकी कच्चे मार्ग में ग्रामीण प्रसूति महिला को अपनी सुविधा के अनुसार दो पहिया वाहन या खाट में लेटा कर पैदल लाते और ले जाते हैं।
नेताजी दिलाते हैं भरोसा...फिर क्या होता है...
चुनाव में हमेशा ग्रामीणों की मांग रहती है कि, पक्की सड़क बन जाए, जीत हासिल करने के लिए नेताजी गहरा विस्वास दिलाते है। लेकिन विजयी होने के बाद वादा भूल जाते हैं। यही कारण है कि, आज यहां के स्थानीय ग्रामीण काफी आक्रोशित है।
ग्रामीणों ने लगाया आरोप...
ग्रामीणों ने कांग्रेस के पांच साल और विधायक पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, वर्तमान विधायक से पक्की सड़क की मांग की गई तो विधायक ने कहा कि, आप लोग मुझे वोट नहीं दिए थे। इसलिए सड़क नहीं बनेगी, जिस कारण आज भी विकास से अछूता है यह गांव...
सड़क का हाल खस्ता...
मिली जानकारी अनुसार इन गांव तक पहुंचने के लिए विधायक निधि से लगभग पांच लाख रुपये घाट कटिंग के नाम से स्वीकृति भी ली, जहां काग्रेस के ही कार्यकर्ता ने महज खानापूर्ति कर राशि निर्माण एजेंसी पंचायत से दबाव बनाकर पैसे ले लिए, लेकिन सड़क की हालात नहीं सुधरी, जिसकी वजह से ग्रामीण प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं।