CG Election : नई जंग में पुराने चेहरे... दस विस सीटों पर पिछले चुनाव के प्रत्याशी फिर आमने-सामने

अब मतदाताओं (voters)को ये तय करना होगा कि पांच साल पहले उन्होंने जिस नेता को चुना था, क्या एक बार फिर उसे वोट देकर जिताएंगे, या पिछले चुनाव में जिस नेता को हराया था क्या एक बार फिर उसे जिताने के लिए वोट करेंगे। राज्य की दस विधानसभा सीटों पर मतदाताओं के बीच यही सवाल रहेगा। पढ़िए पूरी खबर ...;

Update: 2023-10-28 05:28 GMT

जिया कुरैशी - रायपुर। चुनावों (election)की राजनीति (politics,)में कब कोई कब तक दोस्त रहे, कब विरोधी के रूप में सामने आ जाए ये कहना बड़ा मुश्किल है। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनावों (assembly elections)की जंग में 10 जोड़ी ऐसे नेता हैं जिन्होंने 2018 का चुनाव एक दूसरे के खिलाफ लड़ा और पांच साल बाद एक बार फिर उन्हीं दोनों के बीच मुकाबले के आसार बने नजर आ रहे हैं। अब मतदाताओं (voters)को ये तय करना होगा कि पांच साल पहले उन्होंने जिस नेता को चुना था, क्या एक बार फिर उसे वोट देकर जिताएंगे, या पिछले चुनाव में जिस नेता को हराया था क्या एक बार फिर उसे जिताने के लिए वोट करेंगे। राज्य की दस विधानसभा सीटों पर मतदाताओं के बीच यही सवाल रहेगा।

सवाल: पांच साल पहले वोटरों ने जिन्हें चुना था, क्या एक बार फिर उन्हें जिताएंगे ?

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भिलाई में पिछले प्रतिद्वंदियों में मुकाबला

2018 के विधानसभा चुनाव में भिलाई नगर सीट से भाजपा सरकार के मंत्री रहे प्रेम प्रकाश पांडेय को कांग्रेस के युवा नेता देवेंद्र यादव ने हरा दिया था। देवेंद्र यादव को कांग्रेस ने फिर से यहीं से मौका दिया है, दूसरी ओर भाजपा ने वरिष्ठ नेता प्रेमप्रकाश पांडेय पर भिलाई सीट के लिए फिर से भरोसा जताया है। बिलासपुर जिले की बिल्हा सीट से धरमलाल कौशिक को भाजपा ने फिर से प्रत्याशी बनाया है। 2018 में उनका मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र शुक्ला से हुआ था। इसके साथ ही जोगी कांग्रेस के सियाराम कौशिक भी मैदान में थे। अब सियाराम कांग्रेस में आ गए हैं। पार्टी ने उन्हें बिल्हा से प्रत्याशी बनाया है। इस बार उनका सीधा मुकाबला धरमलाल कौशिक से माना जा रहा है।

रामकुमार के मुकाबले संयोगिता

चंद्रपुर विधानसभा सीट से 2023 में कांग्रेस ने विधायक रामकुमार यादव को प्रत्याशी बनाया था। वे 2018 में इसी सीट से पहली बार चुने गए थे। उस समय उनका मुकाबला भाजपा की संयोगिता जूदेव से हुआ था। इस बार भाजपा ने एक बार फिर संयोगिता जूदेव को प्रत्याशी बनाया है। माना जा रहा है इस बार के चुनाव में भी इन दोनों के बीच मुकाबला तय है। बस्तर संभाग की सीट कोंडागांव से कांग्रेस ने मंत्री मोहन मरकाम को प्रत्याशी बनाया है। 2018 में इसी सीट से उन्होंने भाजपा की लता उसेंडी को प्रत्याशी बनाया था। इस बार के चुनाव में एक बार फिर मोहन मरकाम और लता उसेंडी के बीच चुनाव होना तय माना जा रहा है। बस्तर संभाग की बीजापुर सीट से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी 2018 में विधायक बने थे। उस समय उन्होंने भाजपा सरकार के मंत्री महेश गागड़ा को शिकस्त दी थी। 2023 के चुनाव में भी यही दोनों प्रत्याशी बीजापुर से आमने-सामने हैं।

नए मुकाबले में पुराने प्रतिद्वंदी

2023 के चुनावी मुकाबले में 2018 के जिन प्रत्याशियों को उनकी पार्टी ने दूसरी बार मौका दिया है ऐसी दस सीटों में रायपुर पश्चिम से कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय का मुकाबला इस बार के चुनाव में - राजेश मूणत से होता दिख रहा है। 2018 के चुनाव में पश्चिम का चुनाव मंत्री रहते हुए राजेश मूणत विकास उपाध्याय से हारे थे। हालांकि खास बात ये है कि इससे पहले 2013 के चुनाव में भी इन दोनों के बीच जंग हुई थी, जिसमें राजेश मूणत जीते थे। बस्तर संभाग की सीट नारायणपुर से इस बार कांग्रेस ने अपने विधायक चंदन कश्यप को फिर से प्रत्याशी बनाया है। उनके खिलाफ भाजपा ने केदार कश्यप कोप्रत्याशी बनाया है। इन दोनों नेताओं के बीच 2018 में भी मुकाबला हुआ था, इस चुनाव में मंत्री रहते हुए केदार कश्यप चंदन कश्यप से हार गए थे।

अंबिका के मुकाबले फिर रजवाड़े

बैकुंठपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने विधायक अंबिका सिंहदेव को दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है। 2018 के चुनाव में उन्होंने भाजपा सरकार के मंत्री भैयालाल राजवाड़े को हराया था। भैय्यालाल इस चुनाव के समय भाजपा सरकार के मंत्री थे 2023 के चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर भैय्यालाल को प्रत्याशी बनाया है। यहां पिछले चुनाव के दोनों प्रत्याशियों के -बीच इस बार भी मुकाबला होने की संभावना है।

शैलेष पांडेय के खिलाफ फिर अमर अग्रवाल

बिलासपुर सीट से कांग्रेस ने अपने विधायक शैलेश पांडेय को प्रत्याशी बनाया है। 2018 में उन्होंने इसी सीट से भाजपा सरकार के मंत्री रहे अमर अग्रवाल को शिकस्त दी थी। भाजपा ने इस बार फिर अमर अग्रवाल को प्रत्याशी बनाकर उन पर भरोसा जताया है। इसी तरह मस्तूरी सीट से भाजपा ने डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को फिर से प्रत्याशी बनाया है। 2018 में -उन्होंने इस सीट से कांग्रेस के दिलीप लहरिया को हराया था। कांग्रेस ने 2023 में एक बार फिर दिलीप लहरिया को प्रत्याशी बनाया है। दिलीप लहरिया कांग्रेस की लहर के बीच भी चुनाव हारने वाले नेताओं में शामिल थे।
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