CG NEWS : 'आयुष्मान' टाल रहा सर्जरी, अस्पतालों से छुट्टी पर लगा रहा अड़ंगा, मरीजों की बड़ी मुसीबत
सरकारी अस्पतालों में सर्वर स्लो होने की वजह से बनाए गए आयुष्मान काउंटरों पर मरीजों के परेशान परिजनों की भीड़ अक्सर देखी जा सकती है। पढ़िए पूरी खबर...;
- डाटा अपलोड नहीं होने से टालना पड रहा ऑपरेशन
- राशि का क्लेम अटकने के कारण छुट्टी में भी परेशानी
रायपुर। आयुष्मान पोर्टल (Ayushman portal )का सर्वर(server)महीनेभर बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। डाटा अपलोड(data upload)नहीं होने और क्लेम की राशि अटकने की वजह से इलाज की खातिर अस्पताल (hospital)पहुंचने वाले मरीज फंस रहे हैं। कार्ड ब्लॉक नहीं होने की वजह से उनका ऑपरेशन टालना पड़ रहा है, वहीं भुगतान की समस्या की वजह से इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। जिन मरीजों का डिस्चार्ज पेपर तैयार हो चुका होता है, उनको भी भुगतान के लिए दो- दो दिन रुकना पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में सर्वर स्लो होने की वजह से बनाए गए आयुष्मान काउंटरों पर मरीजों के परेशान परिजनों की भीड़ अक्सर देखी जा सकती है।
इस भीड़ में किसी के रिश्तेदार की सर्वर डाटा अपलोड नहीं होने की वजह संबंधित बीमारी का इलाज नहीं हो पा रहा है तो कोई इलाज के बाद मरीज की अस्पताल से छुट्टी कराने कार्ड से दावा राशि क्लेम की ओके रिपोर्ट आने की जानकारी लेने शामिल होता है। दरअसल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत निशुल्क उपचार का लाभ देने के लिए आयुष्मान योजना के तहत बनाए गए पोर्टल में महीनेभर से लगातार बदलाव किया गया था, इसके बाद सर्वर स्लो हुआ, जो अब तक गति नहीं पकड़ पाया है। इसकी वजह से अस्पतालों में हितग्राहियों का नया कार्ड नहीं बन पा रहा है, वहीं पुराने कार्डधारकों का डाटा लोड करने में लॉगिन की समस्या आ रही है। इस परेशानी की जानकारी के संबंध में स्वास्थ्य सहायता योजना की राज्य नोडल एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा केंद्रीय स्तर पर इस समस्या पर चर्चा भी की जा रही है, मगर अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। आयुष्मान योजना के तहत बीपीएल कार्ड हितग्राहियों को पांच लाख तथा एपीएल परिवारों को पचास हजार तक निशुल्क उपचार दिए जाने का प्रावधान है।
केवाईसी की नई समस्या
च्वाइस सेंटर का संचालन करने वाले सुनील बांद्रे के मुताबिक नया कार्ड तो बन रहा है, मगर केवाईसी की नई समस्या लेकर हितग्राही पहुंच रहे हैं। कार्ड में आधारकार्ड लिंक नहीं होने की समस्या पर जब प्रक्रिया की जाती है तो आयुष्मान कार्ड में पहले से आधार अपडेट बताया जाता है, मगर इसका डेटा अपलोड नहीं हो रहा है।
इमरजेंसी में फंस रहे मरीज
आपातकालीन स्थिति में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को इसकी वजह से ज्यादा दिक्कत हो रही है। इमरजेंसी में न तो उनका पंजीयन हो पा रहा है और न ही नया कार्ड मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल में तो उपचार हो जाता है, मगर निजी अस्पताल में इसके लिए उन्हें राशि का भुगतान करना पड़ रहा है।
केस - 1
पामगढ़ से हृदय के इलाज के लिए आंबेडकर अस्पताल पहुंची महिला की सर्जरी बीस दिन टल चुकी है। अपने परिवार के साथ पहुंची मरीज को बताया गया कि उसका आयुष्मान लॉगिन नहीं हो रहा है। वापस गांव लौटकर वहां के च्वाइस सेंटर से समस्या का समाधान कराकर वह वापस लौटी, तब उसे अस्पताल में भर्ती किया गया।
केस - 2
गरियाबंद इलाके से पैर में हुए जख्म का उपचार तीन दिन से टल रहा है। मेकाहारा में उसके रिश्तेदार को बताया गया कि आयुष्मान कार्ड में आधारकार्ड शो नहीं हो रहा है। आयुष्मान काउंटर के चक्कर लगाने के बाद उसे किसी च्वाइस सेंटर से जाकर आधारकार्ड अपलोड कराने की सलाह दी गई. मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
केस - 3
न्यूरो संबंधी समस्या के इलाज के लिए डीके अस्पताल में भर्ती 28 वर्षीय युवक को अस्पताल से छुट्टी देने में समस्या आती रही। उसके कार्ड के माध्यम से किए क्लेम की ओके रिपोर्ट नहीं मिल रही थी। काफी कोशिश करने से 48 घंटे बाद ही उसकी परेशानी का समाधान हो पाया।